Bihar Cooperative Bank scam: वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक घोटाले में हुई गिरफ्तारियों ने राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर नई हलचल पैदा कर दी है।
Bihar Cooperative Bank scam: वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक घोटाले में हुई गिरफ्तारियों ने राजनीतिक और कानूनी मोर्चे पर नई हलचल पैदा कर दी है। वरिष्ठ आरजेडी विधायक आलोक मेहता, जो लालू प्रसाद यादव के करीबी माने जाते हैं, इस मामले में चर्चा के केंद्र में आ गए हैं। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा उनके दो रिश्तेदारों और अन्य लोगों की गिरफ्तारी से संकेत मिलता है कि यह मामला राजनीतिक और कानूनी रूप से आरजेडी के लिए चुनौती बन सकता है।
वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक घोटाले में आरजेडी विधायक आलोक मेहता का नाम चर्चा में आने से राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के राजनीतिक परिदृश्य पर गहरा प्रभाव पड़ सकता है। लालू प्रसाद यादव से आलोक मेहता की नजदीकी और पार्टी के भीतर उनकी प्रमुखता को देखते हुए, यह मामला आरजेडी के लिए राजनीतिक और संगठनात्मक दृष्टिकोण से गंभीर चुनौती बन सकता है।
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने वैशाली शहरी विकास सहकारी बैंक से जुड़े 85 करोड़ रुपये के घोटाले की जांच तेज कर दी है और मामले में महत्वपूर्ण कार्रवाई की है। एजेंसी ने कई शहरों में छापेमारी की और गिरफ्तारियां कीं। इसमें प्रमुख हस्तियों से जुड़े कथित वित्तीय अनियमितताओं का जाल उजागर हुआ।
ईडी ने वैशाली सहकारी बैंक के सीईओ विपिन तिवारी को उनके ससुर रामबाबू शांडिल्य (पूर्वांचल सहकारी बैंक गाजीपुर में 30 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े), नितिन मेहरा (दिल्ली), संदीप सिंह (कोलकाता) और पंकज तिवारी (वाराणसी) के साथ गिरफ्तार किया। शनिवार को तीन आरोपियों (नितिन मेहरा, रामबाबू शांडिल्य और पंकज तिवारी) को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया, जबकि विपिन तिवारी और संदीप सिंह से पूछताछ जारी है। पटना, वाराणसी, दिल्ली, कोलकाता और अन्य स्थानों पर छापेमारी की गई, जिसमें राजद विधायक आलोक मेहता और उनके सहयोगियों से जुड़े ठिकाने भी शामिल हैं।