Bihar Liquor Sale: बिहार में नौ साल की पूर्ण शराबबंदी के बावजूद करोड़ों लीटर अवैध शराब बरामद हुई और 9.36 लाख मुकदमे दर्ज हुए।
बिहार में पूर्ण शराबबंदी लागू होने के नौ साल पूरे हो चुके हैं, लेकिन आंकड़े कुछ और ही बयां कर रहे हैं। अप्रैल 2016 से मार्च 2025 तक राज्य में कुल 3.86 करोड़ लीटर अवैध शराब जब्त की गई, जो औसतन हर महीने लगभग 35,800 लीटर के बराबर है। यह रिकॉर्ड तोड़ आंकड़ा न केवल शराबबंदी कानून की सफलता का दावा करने वालों के लिए चुनौती है, बल्कि सवाल भी खड़ा करता है कि क्या बिहार में शराब का कारोबार वाकई थम पाया है?
शराबबंदी एवं उत्पाद विभाग के आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, इस अवधि में 14.32 लाख अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया और 9.36 लाख मुकदमे दर्ज हुए। जब्त शराब में 2.10 करोड़ लीटर विदेशी और 1.76 करोड़ लीटर देशी शामिल है। पुलिस ने 2.68 करोड़ लीटर जबकि विभाग ने 1.18 करोड़ लीटर बरामदगी की। कुल मिलाकर, 3.77 करोड़ लीटर शराब नष्ट भी कर दी गई। लेकिन ये आंकड़े जितने चौंकाने वाले हैं, उतने ही सवाल भी पैदा करते हैं, क्यों हर महीने हजारों लीटर शराब सीमाओं से रिसती हुई बिहार पहुंच रही है?
बिहार की भौगोलिक स्थिति इसे तस्करी का हॉटस्पॉट बना देती है। नेपाल से सटी सीमाओं (जैसे पश्चिम चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी) से शराब की खेप दूध के डिब्बों और दूसरी तरह से प्रवेश करती है। पड़ोसी राज्यों झारखंड और पश्चिम बंगाल से भी तस्करी बढ़ रही है, जहां आबकारी राजस्व में रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की गई है। फेडरेशन ऑफ इंडियन चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (FICCI) की रिपोर्ट के अनुसार, अवैध शराब का कारोबार पूरे देश में 23,466 करोड़ रुपये का है, जिसमें बिहार को होने वाला नुकसान 15,262 करोड़ रुपये अनुमानित है।
सरकार ने तस्करी रोकने के लिए ड्रोन निगरानी, स्निफर डॉग और चेकपॉस्ट सशक्त किए हैं। नौ सालों में 1.40 लाख वाहन जब्त हुए और 8,268 भवन-भूखंड जब्ती के शिकार बने। फिर भी सिलसिला थम नहीं रहा। अगस्त 2025 में यूपी से आने वाली बड़ी खेप पकड़ी गई, जब तस्करों ने बलरामगढ़ चेकपॉस्ट पर पुलिस पर हमला बोल दिया। इसी महीने रांची से 80 करोड़ के शराब धंधे की डायरी बरामद हुई।
शराबबंदी के फायदे के रूप में सरकार अपराधों में कमी का हवाला देती है। राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के अनुसार, 2015 में 12,000 शराब-संबंधी मामले थे, जो 2024 तक घटकर महज 3,000 रह गए। लेकिन दूसरी तरफ, जहरीली शराब से 190 मौतें पुष्टि हो चुकी हैं।