बिहार में बिजली गिरने की घटनाओं में पिछले 24 घंटे में 19 लोगों की मौत हो गई। लगातार हो रही बारिश से राज्य की नदियों का स्तर भी तेजी से बढ़ रहा है और 6 नदियां लाल निशान के करीब आ गई है।
देश के कई राज्यों में बारिश का कहर रुकने का नाम नहीं ले रहा है। आसमान से बरसती आफत में जहां लाखों का नुकसान हो रहा है वही लोगों को अपनी जान से भी हाथ धोना पड़ रहा है। बात करें बिहार राज्य की तो वहां मानसून इन दिनों अपने चरम पर है। यहां पिछले 24 घंटे में बिजली गिरने की घटनाओं में लगभग 19 लोगों की मौत हो चूकी है। राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बिजली गिरने से मारे गाए सभी लोगों के परिजनों को 4-4 लाख रुपये का मुआवजा देने की घोषणा की है। इसके साथ ही सरकार ने लोगों से खराब मौसम में सावधानी बरतने की गुजारिश भी की है।
मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से मिली जानकारी के अनुसार, सबसे ज्यादा मौत नालंदा में हुईं है। यहां बिजली गिरने से पांच लोगों को अपनी जान गवानी पड़ी। इसके बाद वैशाली में चार और बांका और पटना दो-दो लोगों की बिजली की चपेट में आने से मौत हो गई। इनके अलावा, शेखपुरा, नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद, जमुई और समस्तीपुर जिलों में भी बिजली गिरने की घटना में एक-एक व्यक्ति की मौत हुई है। बिजली गिरने का यह कहर पिछले तीन दिनों से बिहार में जारी है। इसके चलते पिछले तीन दिनों में 43 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
नालंदा में बांध टूटने से निटले इलाके पूरी तरह से पानी में डूब गए। इन इलाकों में फंसे लोगों की मदद के लिए तुरंत नेशनल डिजास्टर रिलीफ फोर्स ( एनडीआरएफ ) की टीम को मौके पर तैनात किया गया। टीम मौके पर पहुंचते ही राहत और बचाव कार्य में जुट गई और फंसे हुए लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला।
लगातार हो रही बारिश से राज्य की नदियों का जल स्तर भी काफी तेजी से बढ़ रहा है। गंगा समेत प्रदेश में बहने वाली छह नदियां लाल निशान लाल निशान के करीब पहुंच गई है। इसके अलावा तेज बारिश के कारण राज्य की आधा दर्जन से ज्यादा नदियों के पानी का स्तर वार्निंग लेवल से ऊपर हो चूका है। नदियों के बढ़ते जलस्तर के कारण कई इलाकों में अब बाढ़ का संकट मंडराने लगा है। खगड़िया में कोसी, सीतामढ़ी में बागमती, गोपालगंज में गंडक, सुपौल के बसुआ नदी का स्तर तेजी से बढ़ रहा है।