BJP: कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने कहा कि बीजेपी नेताओं का जेल जाना तय है। उन्होंने कहा कि इन नेताओं के खिलाफ करीब 3 दर्जन मामाले दर्ज हैं और जिसमें से तीन से चार मामलों में अंतरिम रिपोर्ट पेश की जा चुकी है।
Half of BJP Leader's will face jail in Six months: कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खड़गे (Congress Minister Priyank Kharge) ने कहा कि राज्य में भाजपा के आधे नेता अगले छह महीनों में या तो जेल में होंगे या जमानत के लिए दौड़ेंगे क्योंकि कांग्रेस सरकार पिछली भाजपा सरकार के भ्रष्टाचार के मामलों (BJP Leaders will face jail due to corruption) की तह तक जाएगी। मैसूर शहरी विकास प्राधिकरण (MUDA) में भूमि आवंटन घोटाले में मुख्यमंत्री सिद्धारमैया (karnataka CM Siddaramaiah) के खिलाफ मुकदमा चलाने की राज्यपाल थावरचंद गहलोत (Karnataka Governor's Thawar Chand Gehlot) द्वारा अनुमति दिए जाने पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की क्योंकि उसकी पहली प्राथमिकता सुशासन है। खड़गे ने कहा कि भाजपा नेताओं के खिलाफ 35 से अधिक मामले हैं और तीन से चार मामलों में अंतरिम रिपोर्ट पेश की गई है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने आपराधिक जांच विभाग की एक विशेष जांच टीम गठित की है।
प्रियांक खड़गे ने राज्यपाल को कठपुतली बताते हुए कहा कि वे राज्य के संवैधानिक प्रमुख नहीं हैं। उन्होंने राज्यपाल पर भाजपा कार्यकर्ता की तरह व्यवहार करने का आरोप लगाया। इसी क्रम में एक प्रश्न के जवाब में कहा कि भाजपा ने कभी जनादेश के माध्यम से सत्ता ने हासिल की बल्कि उसके द्वारा जनादेश की चोरी की गई। कांग्रेस नेता ने कहा कि सीएम सिद्धरमैया के विरुद्ध मामले को भाजपा नेता अंजाम तक नहीं ले जा पाएंगे क्योंकि उनके पास इसका कोई साक्ष्य नहीं है। खड़गे ने कहा कि वे केवल सीबीआई, इनकम टैक्स विभाग और ईडी के अलावा राज्यपाल का प्रयोग करके मामले को बनाए रख सकते हैं।
कांग्रेस नेता प्रियांक खड़गे ने कहा कि कानूनी मामलों को लेकर रणनीति पर चर्चा अदालत में होती है, मीडिया के सामने नहीं। मैं कह सकता हूं कि हमारे पास सर्वश्रेष्ठ संवैधानिक विशेषज्ञ हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे कई मामले हैं जिसमें गवर्नर के फैसले पर विचार किया गया है। हम ऐसे सभी मामलों को अदालत में पेश करेंगे।
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने एक्स पर भाजपा को टैग करते हुए लिखा कि राज्यपाल बिना किसी रिकॉर्ड, सबूत, जांच के भी, बिना किसी आधार के अनुमति दे देते हैं। मेरे इस्तीफा देने का कोई सवाल ही नहीं है क्योंकि मैंने कुछ भी गलत नहीं किया है। गैरकानूनी फैसला लेने वाले राज्यपाल को इस्तीफा दे देना चाहिए।