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Tirupati Mandir की प्राथमिकताओं पर बोले BR Naidu, ‘तिरुमला पवित्र धार्मिक स्थल,यहां सियासत की जगह नहीं’

Patrika Interview: आंध्र प्रदेश के उद्योगपति बल्लिनेनी राजगोपाल नायडू (BR Naidu) पत्रिका से ख़ास बातचीत करते हुए बोले तिरुमला मंदिर में हर दिन 70,000 से अधिक भक्त दर्शन करने आते हैं, जिनमें से कई को 30 घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। उनकी पहली प्राथमिकता इस समय को कम करना है।

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हेमंत पांडेय
Patrika Interview: आंध्र प्रदेश के उद्योगपति बल्लिनेनी राजगोपाल नायडू (BR Naidu) को हाल ही तिरुमला तिरुपति देवस्थानम (TTD) का नया चेयरमैन नियुक्त किया गया है। पत्रिका संवाददाता हेमंत पांडेय को दिए इंटरव्यू में नायडू ने तिरुपति मंदिर (Tirupati Mandir) से जुड़ी प्राथमिकताओं पर बात की। उन्होंने कहा कि तिरुमला मंदिर में हर दिन 70,000 से अधिक भक्त दर्शन करने आते हैं, जिनमें से कई को 30 घंटे तक प्रतीक्षा करनी पड़ती है। उनकी पहली प्राथमिकता इस समय को कम करना है। इसके अलावा, नायडू ने मंदिर की पवित्रता और श्रद्धा को बनाए रखने और इसे और अधिक बढ़ाने पर जोर दिया। उन्होंने देवस्थानम की अन्य कार्यप्रणालियों और विकास योजनाओं पर भी विस्तार से चर्चा की।

आपके कार्यकाल में टीटीडी के लिए मुख्य प्राथमिकता क्या होगी?

जवाब- मेरा जन्म और पालन-पोषण उसी क्षेत्र में हुआ है, मैं अक्सर तिरुमाला मंदिर जाता रहा हूं। इसलिए, मुझे यहां के भक्तों की समस्याओं और जरूरतों की गहरी समझ है। मैं अपने कार्यकाल में भक्तों की सुविधाओं में सुधार करना चाहता हूं। भ्रष्टाचार को खत्म करना और भक्तों के लिए आसान दर्शन सुनिश्चित करना मेरी प्राथमिकता है। साथ ही, मंदिर की पवित्रता को बनाए रखना भी मेरे एजेंडे में शामिल है। हमारी पहली बोर्ड मीटिंग में इन मुद्दों पर विशेष फैसले भी लिए गए हैं।

टीटीडी के सामने सबसे बड़ी चुनौती क्या है और इसे कैसे सुलझाएंगे?

जवाब- तिरुमला हिंदुओं का सबसे पवित्र धार्मिक स्थल है। यहां राजनीति के लिए कोई जगह नहीं है। हमने तिरुमला पर राजनीतिक बयान देने पर प्रतिबंध लगा दिया है और इसका उल्लंघन करने वालों के खिलाफ केस दर्ज करने का संकल्प लिया है। भ्रष्टाचार एक और गंभीर समस्या है। पिछले शासन के दौरान दर्शन टिकटों की ब्लैक मार्केटिंग हुई, जिसमें कुछ लोग पकड़े भी गए थे। इसलिए हमने पर्यटन विभाग को आवंटित टिकट कोटा रद्द कर दिया है। गैर-हिंदू कर्मचारियों को अन्य विभागों में स्थानांतरित किया जाएगा या वीआरएस का विकल्प दिया जाएगा। ये सभी मेरे लिए बड़ी चुनौतियां हैं। इनसे निपटने की रणनीति पर काम चल रहा है।

Published on:
05 Dec 2024 07:39 am
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