Budget 2025: कषि क्षेत्र को उम्मीद, उर्वरक सब्सिडी किसानों के खातों में डीबीटी से ट्रांसफर हो सकता है! केंद्र सरकार कृषि क्षेत्र के बजट आवंटन में 15% की बढ़ोतरी कर सकती है।
Budget 2025 Expecatation: वैसे तो कषि क्षेत्र के कई बड़े फैसले राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आते हैं, लेकिन फिर केंद्रीय बजट यह दिखाता है कि केंद्र सरकार भारतीय अर्थव्यवस्था के सबसे महत्वपूर्ण हिस्से को किस नजरिए से देखती है। मौसम की मार और महंगाई से जूझ रहे देश के किसान बजट में किसान सम्मान निधी, ऋण और महंगाई पर बड़ी घोषणाओं की उम्मीद कर रहे हैं। कृषि क्षेत्र के लिए पर्याप्त फंडिंग से पूरी अर्थव्यवस्था को रफ्तार मिलती है। रिपोर्ट के मुताबिक, आगामी बजट किसानों के लिए खुशखबरी ला सकता है। सरकार कृषि क्षेत्र के लिए बजट आवंटन को 15% बढ़ाकर 1.75 लाख करोड़ रुपए कर सकती है, जो 2024-25 के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए था।
ऐसे बढ़ा कृषि क्षेत्र के लिए आवंटन
| वर्ष | राशि |
| 2013-14 | 27,663 |
| 2016-17 | 47,912 |
| 2019-20 | 1,09,261 |
| 2020-21 | 1,24,060 |
| 2021-22 | 1,26,202 |
| 2022-23 | 1,18,256 |
| 2023-24 | 1,25,026 |
| 2025-26* | 1,75,000 |
सूत्रों के अनुसार, कृषि के लिए अतिरिक्त बजट आवंटन का इस्तेमाल अधिक उत्पादन देने वाली किस्मों के विकास, भंडारण, आपूर्ति के लिए बुनियादी ढांचे का निर्माण के साथ दलहन, तिलहन, सब्जियों और डेयरी उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है।
ये सौगातें मिलने की उम्मीद
—बजट में किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसीd) के तहत ऋण की सीमा को मौजूदा 3,00,000 रुपए से बढ़ाकर 5,00,000 रुपए प्रति किसान किया जा सकता है।
—खाद, बीज और कृषि मशीनों पर मिलने वाली सब्सिडी राशि को डीबीटी के माध्य से सीधे किसानों के खातों में ट्रांसफर किया जा सकता है।
—कृषि से जुड़ी दूसरी सब्सिडी जैसे ड्रिप सिंचाई, पॉलीहाउस या ट्रैक्टर के लिए भी डीबीटी लागू किया जा सकता है।
—पीएम किसान सम्मान निधि योजना में अन्नदाताओं को सालाना 10,000 से 12,000 रुपए देने का फैसला हो सकता है, जो अभी सालाना 6,000 रुपए है।
—फसल बीमा योजना का दायरा बढ़ाया जा सकता है। 2 हैक्टेयर तक कृषि भूमि वाले किसानों को भी यूनिवर्सल क्रॉप इंश्योरेंस स्कीम की सुविधा मिल सकती है।
—कृषि उपकरणों पर जीएसटी को कम करने की दिशा में कदम उठाए जा सकते हैं, हालांकि जीएसटी पर निर्णय आमतौर पर काउंसिल द्वारा लिए जाते हैं।
—स्टार्टअप्स और एग्रीटेक पर फोकस जारी रहने की उम्मीद है, जिसमें एग्रीटेक कंपनियों के लिए एक नए फंड बनाने की चर्चा भी है ताकि उनको और बढ़ावा दिया जा सके।
—ग्रामीण क्षेत्र के लिए ग्रामीण आवास और ग्रामीण सड़क योजना के लिए पर्याप्त फंडिंग पर ध्यान केंद्रित रहने की संभावना है।
—‘लखपति दीदी’ योजना पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा, क्योंकि यह ग्रामीण परिवारों को बहुआयामी लाभ देती है।
कृषि क्षेत्र की कंपनियां आम बजट से कृषि अनुसंधान को बढ़ावा देने, बीजों के लिए बेहतर पारिस्थितिकी तंत्र के विकास, डिजिटल कृषि को प्रोत्साहन, उर्वरकों के टिकाऊ उपयोग, एफपीओ को सशक्त करने और सूक्ष्म सिंचाई उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने की आस लगाए हुए है। नेटाफिम इंडिया के प्रबंध निदेशक रणधीर चौहान ने कहा, सूक्ष्म सिंचाई उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा देने से इस क्षेत्र और इससे जुड़े उद्योगों (एसएसएमई) को फलने-फूलने में मदद मिलेगी। धानुका एग्रीटेक लिमिटेड के चेयरमैन एमके धानुका ने कहा कि कृषि क्षेत्र की चुनौतियों के समाधान के लिए सरकार को कृषि अनुसंधान में निवेश बढ़ाने को प्राथमिकता देनी चाहिए।