Bullet Train: अहमदाबाद व मुंबई के बीच देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए ऑटोमेटिक वर्षा मॉनिटरिंग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा।
Bullet Train: अहमदाबाद व मुंबई के बीच देश के पहले बुलेट ट्रेन प्रोजेक्ट के लिए ऑटोमेटिक वर्षा मॉनिटरिंग प्रणाली का उपयोग किया जाएगा। बुलेट ट्रेन सेवाओं का सुरक्षित संचालन सुनिश्चित करने में इसका इस्तेमाल हो सकेगा। यह प्रणाली उन्नत उपकरणों से लैस वर्षामापियों का उपयोग कर बारिश का रियल टाइम डेटा प्रदान करेगी। प्रत्येक गेज में एक ट्रिपिंग सेल होता है जो एकत्रित वर्षा के लिए सिग्नल पल्स उत्पन्न करता है। इन पल्स को सिग्नल संचार लाइन के माध्यम से ऑपरेशन कंट्रोल सेंटर (ओसीसी) में सुविधा नियंत्रक प्रणाली में भेजा जाता है जहां उन्हें सावधानीपूर्वक मॉनिटर किया जाता है।
यह प्रणाली दो तरह के महत्वपूर्ण माप मान प्रदान करती है। इनमें पिछले एक घंटे में दर्ज की गई वर्षा की मात्रा और पिछले 24 घंटों में हुई कुल वर्षा का माप होता है। ये माप ट्रेन संचालन के बारे में सूचित निर्णय लेने के लिए अहम हैं। विशेष रूप से उन क्षेत्रों में जहां भारी बारिश तथा भू-संरचनाओं और प्राकृतिक ढलानों पर इसके प्रभाव की आशंका रहती है। प्रत्येक सेक्शन के लिए वर्षा के आंकड़ों,. पृथ्वी की संरचना के प्रकार और प्राकृतिक ढलानों के आधार पर विशिष्ट नियमन लागू किए जाएंगे। इन्हें रखरखाव केंद्रों के माध्यम से सक्रिय पेट्रोलिंग टीम की ओर से सत्यापित किया जाएगा।
मुंबई-अहमदाबाद बुलेट ट्रेन कॉरिडोर के साथ-साथ ठाणे और पालघर जिलों में विशेष रूप से संवेदनशील भू-संरचनाओं, पर्वतीय सुरंग प्रवेश व निकास और सुरंग पोर्टलों के निकट 6 इंस्ट्रूमेंटेड रेन गेज स्टेशन स्थापित किए जाने की योजना है। संभावित भूस्खलन जोखिम वाले क्षेत्रों पर भी कड़ी निगरानी की जाएगी। वर्षामापी का प्रभाव दायरा लगभग 10 किमी है।