सुप्रीम कोर्ट ने सीजे को जस्टिस वर्मा को काेई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने का निर्देश दे रखा है, ऐसे में वह कोर्ट में नहीं बैठ पाएंगे।
दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के सरकारी निवास पर आग के दौरान मिली नकदी मामले में सुप्रीम कोर्ट की आंतरिक जांच कमेटी ने दिल्ली के पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा से दो घंटे तथा नई दिल्ली जिले के पुलिस उपायुक्त देवेश कुमार महला से चार घंटे पूछताछ की। जानकार सूत्रों के अनुसारसुप्रीम कोर्ट की तीन सदस्यीय समिति समिति में शामिल पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस (सीजे) शील नागू, हिमाचल हाईकोर्ट के सीजे जीएस संधावालिया और कर्नाटक हाईकोर्ट की जस्टिस अनु शिवरामन ने शुक्रवार शाम चाणक्यपुरी िस्थत हरियाणा के स्टेट गेस्ट हाउस में पहले डीसीपी महला के तथा बाद में पुलिस आयुक्त अरोड़ा के बयान दर्ज किए। समिति ने चाणक्यपुरी के एसीपी का भी बयान दर्ज किया। इससे पहले बुधवार को जस्टिस वर्मा के तीन घरेलू सहायकों से पूछताछ कर बयान दर्ज किए गए।
इससे पहले दिल्ली पुलिस ने दिल्ली हाईकोर्ट के सीजे के निर्देश पर उन्हें जस्टिस वर्मा के आवास पर तैनात सुरक्षाकर्मियों के पिछले छह माह के कॉल रिकॉर्ड और इंटरनेट इस्तेमाल की डिटेल सौंप दी है।
नकदी प्रकरण सामने आने के बाद तबादला किए गए जस्टिस वर्मा ने शनिवार को अवकाश के दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट के सीजे अरुण भंसाली के चैम्बर में जज की शपथ ली। आम तौर पर शपथ ग्रहण सार्वजनिक रूप से होता है। सुप्रीम कोर्ट ने सीजे को जस्टिस वर्मा को काेई न्यायिक कार्य नहीं सौंपने का निर्देश दे रखा है, ऐसे में वह कोर्ट में नहीं बैठ पाएंगे। इसी बिंदु को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है जिसमें आपत्ति की गई है कि न्यायिक कार्य नहीं करना है तो जस्टिस वर्मा की शपथ पर रोक लगाई जाए।