Centre On Triple Talaq: सुप्रीम कोर्ट में आज तीन तलाक को लेकर सुनवाई हो रही है। इस मामले में केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय में अपनी दलील पेश करते हुए कहा कि इसने मुस्लिम महिलाओं की हालत दयनीय बना डाला है।
Centre On Triple Talaq: केंद्र सरकार ने कोर्ट में दलील देते हुए कहा, "तीन तलाक विवाह की सामाजिक संस्था के लिए घातक है और इसने मुस्लिम महिलाओं की स्थिति को बहुत दयनीय बना दिया।" केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में दायर एक हलफनामे में तर्क दिया कि 'तीन तलाक' की प्रथा "विवाह की सामाजिक संस्था के लिए घातक है" और "इसने मुस्लिम महिलाओं की स्थिति को बहुत दयनीय बना डाला है"। सरकार ने कहा कि 2017 में शीर्ष अदालत द्वारा इस प्रथा को रद्द करने- जिसे कुछ मुस्लिम समुदायों के बीच वैध माना गया था- ने उन समुदायों के सदस्यों के बीच "इस प्रथा द्वारा तलाक की संख्या को कम करने में पर्याप्त निवारक के रूप में काम नहीं किया"।
केंद्र सरकार ने कहा, "तीन तलाक' की पीड़ितों के पास पुलिस के पास जाने के अलावा कोई विकल्प नहीं है… और पुलिस असहाय थी क्योंकि कानून में दंडात्मक प्रावधानों के अभाव में पतियों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती थी। (इसे) रोकने के लिए यह किया गया था कड़े (कानूनी) प्रावधानों की तत्काल आवश्यकता है।”