Cellular Operators Association of India (COAI) ने दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल को लिखे पत्र में कहा नेटबंदी से लोगों को भारी परेशानी होती है। उन्होंने सुझाव दिया है कि कानून-व्यवस्था के मुद्दों को हल करने के लिए अस्थायी शटडाउन का सहारा लेने के बजाय वैकल्पिक समाधानों पर विचार किया जाना चाहिए।
Cellular Operators Association of India: दूरसंचार ऑपरेटरों (COAI) ने राज्य सरकारों से नेटबंदी नहीं करने का आग्रह किया है। ऑपरेटरों का कहना है कि इससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। बैंकिग, सब्सिडी लेन-देन और ऑनलाइन शिक्षा जैसे महत्वपूर्ण काम भी प्रभावित होते हैं। गौरतलब है कि राज्य सरकारे कानून व्यवस्था संबंधी मामलों से निपटने के लिए विशिष्ट क्षेत्रों में इंटरनेट बंद कर देती हैं। दूरसंचार विभाग (डीओटी) को लिखे पत्र में दूरसंचार कंपनियों ने बताया कि अप्रैल, 2024 से अब तक 11 दूरसंचार सर्किलों में 3,711 घंटे (154 दिनों के बराबर) से अधिक बार इंटरनेट बंद हुआ है।
सेलुलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (COAI) ने दूरसंचार विभाग के सचिव नीरज मित्तल को लिखे पत्र में कहा नेटबंदी से लोगों को भारी परेशानी होती है। उन्होंने सुझाव दिया है कि कानून-व्यवस्था के मुद्दों को हल करने के लिए अस्थायी शटडाउन का सहारा लेने के बजाय वैकल्पिक समाधानों पर विचार किया जाना चाहिए। उद्योग और परीक्षा जैसे मामलों में निर्बाध इंटरनेट सेवाओं की जरूरत है। सीओएआइ ने कहा कि देशभर में व्यापक डिजिटल परिदृश्य को देखते हुए इंटरनेटबंदी का विकल्प तलाशने चाहिए।
सीओएआइ ने कहा कि दूरसंचार सेवाओं के नए अस्थायी निलंबन नियम, 2024 के अनुसार निलंबन आदेश की अवधि 15 दिनों से अधिक नहीं होगी। यह नियम लागू किए जा चुके हैं, इसके बाद भी कई इलाकों में लंबे समय तक नेटबंदी रहती है। उन्होंने कहा कि पूर्वोत्तर के क्षेत्रों में 1,458 घंटे (60 दिन से ज़्यादा) इंटरनेट बंद रहा है।