Politics on Caste Census: जाति जनगणना पर राजनीति तेज हो गई है। मोदी सरकार के इस फैसले को कांग्रेस ने अपना सियासी हथियार बना लिया है। विपक्ष पार्टी इसे सामाजिक न्याय के लिए राहुल गांधी की बड़ी जीत मान रही है। पढ़िए शादाब अहमद की खास रिपोर्ट...
Politics on Caste Census: मोदी सरकार के जाति जनगणना के फैसले को कांग्रेस बड़ा सियासी हथियार मानकर चल रही है। जहां भाजपा नेता विपक्ष के हाथ से मुद्दा छीनने की बात कर रहे हैं, वहीं कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय के लिए राहुल गांधी की बड़ी जीत मान रही है। अब कांग्रेस इस मुद्दे को घर-घर तक पहुंचाने की रणनीति अमल में ला रही है। इसके तहत 30 मई तक हर जिला और विधानसभा क्षेत्र में संविधान बचाओ रैली, मीडिया और सोशल मीडिया अभियान चलाया जाएगा। आरक्षण की 50 फीसदी सीमा तोड़ने के लिए संविधान संशोधन और निजी शिक्षण संस्थानों में आरक्षण लागू करने का मुद्दा जोर-शोर से उठाना भी कांग्रेस ने शुरू कर दिया है। जाति जनगणना को लेकर कांग्रेस किसी भी सूरत में भाजपा को श्रेय लेने से रोकना चाहती है।
कांग्रेस इस अभियान के लिए गंभीर दिख रही है, जिसकी वजह प्रदेश अध्यक्षों को भेजा गया पत्र है। इसमें साफ कहा गया है कि इस कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए प्रदेश स्तर पर नियंत्रण कक्ष स्थापित किया जाए। सभी गतिविधियों और रिपोर्टिंग की देखरेख और समन्वय के लिए जिला स्तर पर समर्पित पर्यवेक्षकों की नियुक्ति की जाए। प्रदेश कांग्रेस कमेटियों से साप्ताहिक रिपोर्ट भी तलब की गई है।
-कांग्रेस की जाति जनगणना की मांग
-राहुल का नेतृत्व व कांग्रेस कार्यसमिति का प्रस्ताव
-जातिगत जनगणना के मुद्दे पर पीएम मोदी का अर्बन नक्सल और सीएम योगी आदित्यनाथ का बंटोगे-कटोगे कहना
-20 जुलाई 2021 को संसद में मोदी सरकार ने जनगणना में एससी-एसटी के अलावा अन्य किसी जाति की गणना नहीं कराने के नीतिगत निर्णय की जानकारी देना
-सुप्रीम कोर्ट में 21 सितंबर 2021 को मोदी सरकार ने हलफनामा देकर जनगणना (2021) के दायरे से जातियों को बाहर रखने के सचेत नीतिगत निर्णय से अवगत कराया
-जातिगत जनगणना के लिए समय सीमा पूछना?