कांग्रेस ने शनिवार को कहा कि बिहार विधानसभा चुनावों के लिए महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका है, केवल आधिकारिक घोषणा बाकी है। पार्टी नेताओं ने दावा किया कि सीट बंटवारे पर सहमति बन चुकी है और जल्द ही इसकी घोषणा की जाएगी
बिहार चुनाव को लेकर उम्मीदवारों की दूसरी लिस्ट जारी करने के बाद कांग्रेस ने शनिवार को महागठबंधन में सीट बंटवारे को लेकर बड़ा अपडेट दिया।
पार्टी की ओर से कहा गया कि बिहार विधानसभा चुनावों को लेकर महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो चुका, केवल आधिकारिक घोषणा बाकी है।
कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा ने कहा कि सब कुछ तय हो चुका है, आधिकारिक घोषणा उचित समय पर की जाएगी। साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि महागठबंधन विधानसभा चुनावों में सत्तारूढ़ एनडीए के सामने मजबूती से खड़ा होने को तैयार है।
उधर, बिहार कांग्रेस अध्यक्ष राजेश राम ने बताया कि प्रत्येक सीट पर उचित चर्चा हुई है। साथ ही सहयोगी दलों के नेताओं के बीच आम सहमति बनने के बाद उम्मीदवारों के बीच पार्टी के सिंबल का बंटवारा हुआ।
राम ने आगे कहा कि राजद नेता तेजस्वी प्रसाद यादव के साथ बैठक में नेताओं ने उन सीटों की सूची सौंपी थी, जिन पर सभी दल चुनाव लड़ना चाहते थे। यहां तक कि उम्मीदवारों के नाम भी तेजस्वी के साथ साझा किए गए।
उधर, पटना में एक कार्यक्रम को संबोधित के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कांग्रेस और राहुल गांधी को जमकर घेरा। उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि कांग्रेस नेता अचानक 'वोट चोरी' के मुद्दे पर चुप हो गए हैं क्योंकि बिहार की जनता इस मुद्दे को नजरअंदाज कर चुकी है।
शाह ने बिहार में मतदाता सूची के चुनाव आयोग द्वारा किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) की सराहना की। इसके साथ ही कहा कि इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए। उन्होंने पूछा कि राहुल गांधी एसआईआर पर चुप क्यों हैं?
वहीं, विदेशी घुसपैठ का जिक्र करते हुए गृह मंत्री ने कहा कि क्या विदेशी घुसपैठियों को चुनाव में वोट देने की इजाजत दी जा सकती है? क्या उन्हें चुनाव के बाद बिहार में सरकार बनाने का अधिकार है? लोगों को इस पर विचार करना चाहिए।
इसके अलावा, राजद-कांग्रेस के नेतृत्व वाले महागठबंधन को घेरते हुए शाह ने कहा कि गठबंधन ने न तो सीटों के बंटवारे का फॉर्मूला तय किया है और न ही इस मुद्दे को सुलझाने के लिए कोई नेता तय किया है।
शाह ने कहा कि अनुच्छेद 370 के हटने के बाद से जम्मू-कश्मीर में पूरी तरह से बदलाव आया है। पिछले नौ महीनों में किसी भी स्थानीय आतंकवादी भर्ती की कोई खबर नहीं आई है।