Supreme Court ने शुक्रवार (25 अक्टूबर) को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित एक उम्मीदवार को NEET-UG 2024 के लिए चल रही काउंसलिंग में भाग लेने की अनुमति दे दी है।
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने शुक्रवार को मस्कुलर डिस्ट्रॉफी (Muscular Dystrophy) से पीड़ित एक अभ्यर्थी को उसकी मेडिकल रिपोर्ट (Medical Report) के आधार पर नीट-यूजी (Neet UG) 2024 के लिए चल रही काउंसलिंग में शामिल करने की अनुमति दे दी। विशेषज्ञ मेडिकल रिपोर्ट में कहा गया कि अभ्यर्थी सहायक उपकरणों की मदद से एमबीबीएस (MBBS) कोर्स कर सकता है।
सीजेआइ (CJI) डीवाई चंद्रचूड़ (DY Chandrachud), जस्टिस जेबी पारदीवाला (Justice JB Pardiwala) और जस्टिस मनोज मिश्रा (Justice Manoj Mishra) की बेंच ने 88% मस्कुलर डिस्ट्रॉफी से पीड़ित एक अभ्यर्थी की याचिका पर यह निर्देश दिए। याचिकाकर्ता को इस आधार पर एमबीबीएस करने से अयोग्य घोषित कर दिया गया था कि नेशनल मेडिकल काउंसिल (NMC) के दिशानिर्देशों के तहत एमबीबीएस करने के लिए विकलांगता को 80% से कम करना आवश्यक है। पिछली सुनवाई में कोर्ट ने विशेषज्ञ डॉ.सतेंद्र सिंह से मेडिकल रिपोर्ट मांगी थी कि याचिकाकर्ता 88% विकलांगता के बावजूद एमबीबीएस कर सकता है या नहीं? मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर याचिकाकर्ता को राहत देते हुए कोर्ट ने यह भी कहा कि यह आदेश आगे के मामलों में न्यायिक नजीर नहीं बनेगा।