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बैंक मैनेजर निकला ‘बड़ा खिलाड़ी’: पहले चोरी किया डाटा, फिर खाते से उड़ाए 12.51 करोड़

Cyber ​​fraud: एक कंपनी का डेटा चुराकर 12.51 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर कर्नाटक पुलिस ने गुजरात में एक्सिस बैंक के कॉर्पोरेट डिवीजनल मैनेजर समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।

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Cyber ​​fraud: एक कंपनी का डेटा चुराकर 12.51 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ कर कर्नाटक पुलिस ने गुजरात में एक्सिस बैंक के कॉर्पोरेट डिवीजनल मैनेजर वैभव पिथादिया (29) समेत चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया। सूरत, नवसारी और राजकोट से गिरफ्तारी के बाद चारों को 10 दिन की पुलिस हिरासत में सौंप दिया गया। इन्हें आगे की जांच के लिए बेंगलूरु लाया गया है।

1.83 करोड़ रुपए नकद, दो मोबाइल फोन जब्त

पुलिस के मुताबिक आरोपियों में वैभव का साथी शैलेश, बैंकिंग एजेंट नेहा विपलभाई और कमीशन एजेंट शुभम शामिल हैं। इनके पास 1.83 करोड़ रुपए नकद, दो मोबाइल फोन और एक फर्जी कॉर्पोरेट इंटरनेट बैंकिंग (सीआइबी) फॉर्म जब्त किया गया। बेंगलूरु में ड्रीम प्लग पे टेक सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड (सीआरईडी) के निदेशक की शिकायत पर पुलिस ने जांच शुरू की थी। शिकायत में कंपनी के खातों से 12.51 करोड़ रुपए की हेराफेरी का आरोप लगाया गया। कंपनी के नोडल और चालू बैंक खाते बेंगलूरु में एक्सिस बैंक की इंदिरानगर शाखा में थे। जांच में पता चला कि आरोपियों ने कंपनी के खातों से जुड़े ई-मेल एड्रेस और संपर्क नंबरों तक पहुंच हासिल कर कंपनी का डेटा चुराया, जाली सीआइबी फॉर्म बनाया और 17 विभिन्न बैंक खातों में 12 करोड़ 51 लाख 13 हजार रुपए के ट्रांसफर के लिए गलत हस्ताक्षर और मुहर लगा दी।

राजस्थान-गुजरात के खातों में पैसे ट्रांसफर

पुलिस ने बताया कि एक्सिस बैंक के कॉर्पोरेट डिवीजनल मैनेजर ने दूसरे लोगों के साथ मिलीभगत कर कंपनी का डेटा चुराया और जाली दस्तावेजों का इस्तेमाल कर कंपनी के इंटरनेट बैंकिंग खातों तक पहुंच हासिल की। इन खातों से पैसे राजस्थान और गुजरात में 17 जाली खातों में ट्रांसफर किए गए। आरोपियों ने ओटीपी के जरिए 37 ट्रांजेक्शन किए। वे 15 करोड़ रुपए ट्रांसफर करना चाहते थे, लेकिन दो यूजर आईडी इनेक्टिव होने से 12.51 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर पाए।

साइबर ठगी से बचने के लिए अपनाएं ये 10 उपाय

1. सुरक्षित पासवर्ड का उपयोग करें

-हमेशा मजबूत और यूनिक पासवर्ड बनाएं।
-पासवर्ड में अक्षर (uppercase और lowercase), अंक और विशेष चिन्ह का मिश्रण हो।
-अपने सभी अकाउंट्स के लिए अलग-अलग पासवर्ड रखें।

2. टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन (2FA) का उपयोग करें

-जहां भी संभव हो, टू-फैक्टर ऑथेंटिकेशन सक्षम करें।
-यह अतिरिक्त सुरक्षा परत प्रदान करता है।

3. फिशिंग ईमेल और संदेशों से बचें

अनजान या संदिग्ध लिंक पर क्लिक न करें।
-ईमेल, एसएमएस या कॉल में आई किसी भी संदिग्ध जानकारी की पुष्टि सीधे संबंधित संस्थान से करें।

4. एंटीवायरस और फायरवॉल का उपयोग करें

-अपने डिवाइस पर एंटीवायरस सॉफ़्टवेयर और फायरवॉल को सक्रिय रखें।
-नियमित रूप से सॉफ़्टवेयर अपडेट करें।

5. सार्वजनिक वाई-फाई का सुरक्षित उपयोग करें

-सार्वजनिक वाई-फाई पर बैंकिंग या अन्य संवेदनशील जानकारी साझा करने से बचें।
-यदि आवश्यक हो, तो वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (VPN) का उपयोग करें।

6. सोशल मीडिया पर सावधानी बरतें

-अपनी निजी जानकारी जैसे जन्मतिथि, फोन नंबर और पता साझा करने से बचें।
-अनजान लोगों से फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार न करें।

7.भुगतान करते समय सतर्क रहें

-केवल विश्वसनीय वेबसाइट्स पर ही ऑनलाइन भुगतान करें।
-'https://' और वेबसाइट पर लॉक साइन की जांच करें।
-कभी भी अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड की जानकारी किसी से साझा न करें।

8. रोजगार और इनाम से जुड़े धोखों से बचें

-"आपने लॉटरी जीती है" जैसे ईमेल/संदेशों पर भरोसा न करें।
-रोजगार या इनाम के नाम पर पैसे मांगे जाएं तो सावधान रहें।

9. रेगुलर बैकअप लें

-अपने महत्वपूर्ण डेटा का बैकअप लेते रहें ताकि रैंसमवेयर जैसे साइबर अटैक से बचा जा सके।

10. संदिग्ध गतिविधि की रिपोर्ट करें

-साइबर ठगी की स्थिति में तुरंत स्थानीय साइबर क्राइम सेल या नेशनल साइबर क्राइम हेल्पलाइन नंबर (1930) पर शिकायत करें।

Updated on:
30 Dec 2024 01:46 pm
Published on:
30 Dec 2024 07:46 am
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