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दिल्ली की जहरीली हवा पर हाईकोर्ट सख्त, एयर प्यूरीफायर के दामों पर केंद्र को 10 दिन का अल्टीमेटम

Delhi Air Pollution: दिल्ली हाईकोर्ट ने एयर प्यूरीफायर पर GST घटाने की मांग वाली PIL पर केंद्र से 10 दिन के अंदर जवाब मांगा।

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दिल्ली की हवा केंद्र को अल्टीमेटम (AI Image)

Delhi Highcourt on GST Rate on Air Purifiers: दिल्ली में लगातार बिगड़ते वायु प्रदूषण के बीच एयर प्यूरीफायर पर जीएसटी (GST) दर कम करने और इसे मेडिकल डिवाइस की श्रेणी में रखने की मांग वाली जनहित याचिका (PIL) पर दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi Highcourt) ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने केंद्र सरकार को 10 दिनों के अंदर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया और मामले की अगली सुनवाई 9 जनवरी को निर्धारित की।

अंतरिम राहत देने से इनकार

वेकेशन बेंच के जस्टिस विकास महाजन और जस्टिस विनोद कुमार ने याचिका पर अंतरिम राहत देने से इनकार कर दिया, क्योंकि केंद्र की ओर से अभी कोई काउंटर एफिडेविट दाखिल नहीं किया गया है। कोर्ट ने हालांकि प्रदूषण के सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रभाव पर जोर देते हुए सवाल उठाया कि 10,000-15,000 रुपये कीमत वाले एयर प्यूरीफायर को कम आय वाले परिवारों के लिए किफायती क्यों नहीं बनाया जा सकता। बेंच ने कहा कि प्रदूषण सभी को प्रभावित करता है और इस मुद्दे के राष्ट्रव्यापी प्रभाव हैं।

केंद्र को फटकार

केंद्र की ओर से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) एन वेंकटरमन ने याचिका का कड़ा विरोध किया। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार एयर प्यूरीफायर को मेडिकल डिवाइस नहीं माना जा सकता। जीएसटी दरें और वस्तुओं का वर्गीकरण जीएसटी काउंसिल का काम है, जो केंद्र और राज्यों की संवैधानिक संस्था है। ऐसे बदलाव के लिए परामर्श, लाइसेंसिंग और नियामक जांच जरूरी है, जिसे रिट याचिका से तेजी से नहीं किया जा सकता।

GST दर बदलने के निर्देश

ASG ने चेतावनी दी कि ऐसी याचिकाओं को स्वीकार करने से अन्य क्षेत्रों से समान मांगें आएंगी, जो 'बाढ़ के दरवाजे खोल देगा'। उन्होंने याचिका को 'सोची-समझी' बताते हुए इसके पीछे के मकसद पर सवाल उठाया और कहा कि कोर्ट जीएसटी काउंसिल को कर दरें बदलने का निर्देश नहीं दे सकता। केंद्र ने यह भी स्पष्ट किया कि जीएसटी काउंसिल की बैठक वर्चुअल नहीं, केवल फिजिकल रूप से हो सकती है।

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