Delhi New CM Atishi: आतिशी फिलहाल कालका से विधायक हैं। 2020 में वह विधायक बनीं, 2023 में वह मंत्री बनीं और अब 2024 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। दिल्ली में अभी तक सात मुख्यमंत्री रहे हैं। इसमें से दो महिला मुख्यमंत्रियों ने कमान संभाली हैं।
Delhi New CM Atishi: देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश की बात हो या बिहार की। तमिलनाडू की बात या फिर पश्चिम बंगाल की। देश में कोई भी ऐसा राज्य नहीं जहां तीन अलग अलग पार्टियों से तीन महिला मुख्यमंत्री पदासीन हुईं हो। भारत की राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली अब इस मामले नजीर होने जा रही है। यहां आम आदमी पार्टी के विधायक दल ने आतिशी को मुख्यमंत्री पद के लिए नामित किया है। आइए दिल्ली के तीनों मुख्यमंत्रियों के बारें विस्तार से बताते हैं। यह देश की 17वीं महिला मुख्यमंत्री हैं।
दिल्ली में अभी तक सात मुख्यमंत्री रहे हैं। इसमें से दो महिला मुख्यमंत्रियों ने कमान संभाली हैं। आतिशी दिल्ली की आठवीं मुख्यमंत्री हो गई है। इसके साथ ही महिलाओं की सूची में तीसरी महिला मुख्यमंत्री बन गई है। आतिशी से पहले भाजपा की ओर से सुषमा स्वराज और कांग्रेस की ओर से शीला दीक्षित दिल्ली की मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
देश की राजधानी दिल्ली के नाम सबसे लंबे समय तक राज करने वाली महिला मुख्यमंत्री का का रिकॉर्ड है। दिल्ली की दूसरी सीएम शीला दीक्षित का नाम जब मुख्यमंत्री के तौर पर आता है तो सबसे ज्यादा समय तक महिला मुख्यमंत्री होने का रिकॉर्ड अपने आप ही पैबंद होता है। शीला दीक्षित दिल्ली की दूसरी महिला मुख्यमंत्री थी और वह 15 साल 25 दिन तक राज करती रही।
आतिशी फिलहाल कालका से विधायक हैं। 2020 में वह विधायक बनीं, 2023 में वह मंत्री बनीं और अब 2024 में वह दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने जा रही हैं। मौजूदा समय में आतिशी के पास कुल 13 मंत्रालय हैं। सियासी गलियारों में आतिशी को केजरीवाल के भरोसेमंद साथियों में से एक माना जाता है। आतिशी आम आदमी पार्टी की संस्थापक सदस्यों में से एक हैं। 2013 में आम आदमी पार्टी ने जब सबसे पहले मेनिफेस्टो ड्राफ्ट जारी किया था, तो उसमें आतिशी को भी जगह दी गई थी।
आतिशी के राजनीतिक करियर की बात करें। उनका यह सफर भ्रष्टाचार विरोधी आंदोलन से शुरू हुआ। वो 2015 से 2018 तक दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया की सलाहकार के रूप में काम करती रहीं। ये तेज तर्रार ‘आप’ नेता पॉलिटिकल अफेयर्स कमेटी यानी पीएसी की मेंबर भी रह चुकी हैं। आतिशी ने 2019 में लोकसभा चुनाव में भी अपनी किस्मत आजमाई थी, लेकिन उन्हें गौतम गंभीर के हाथों हार का सामना करना पड़ा था।