फास्ट ट्रेक कोर्ट ने एक दुष्कर्मी को 106 साल की सुनाई है। आरोपी ने 15 साल की मानसिक विकलांग बच्ची से कई बार दुष्कर्म किया था। वह गर्भवती हो गई। मामले में डीएनए टेस्ट से दोषी के बारे में पता चला था।
केरल की देवीकुलम फास्ट ट्रेक कोर्ट ने 15 साल की मानसिक विकलांग बच्ची से दुष्कर्म के दोषी को सोमवार को 106 साल की सजा सुनाई। फास्ट ट्रेक कोर्ट के जज सिराजुद्दीन पीए ने 44 साल के अभियुक्त को पोक्सो एक्ट की विभिन्न धाराओं में दोषी ठहरा कर अलग-अलग सजा सुनाई जो मिलकर 106 साल होती है। सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी लेकिन सबसे लंबी सजा 22 साल की है।
कोर्ट ने दोषी पर 60,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माना नहीं देने पर अतिरिक्त तौर पर 22 महीने जेल में काटने होंगे। दो साल पुराने इस मामले में दोषी पीड़िता के घर में ही किरायेदार था जिसने बार-बार किशोरी के साथ दुष्कर्म किया जिससे वह गर्भवती हो गई। कुछ माह बाद किशोरी की तबियत बिगड़ने पर उसके गर्भवती होने का पता चला। मामले में डीएनए टेस्ट से दोषी के बारे में पता चला था।