Doctors Strike: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला रेजिडेंट की रेप और हत्या की घटना के बाद दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों में रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को हड़ताल पर चले गए। डॉक्टरों की हड़ताल आज दूसरे दिन भी जारी है।
Rape and Murder of Junior Doctor in Kolkata: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज (Kolkata's RG Kar Medical College) में जूनियर महिला रेजिडेंट डॉक्टर की रेप और हत्या की घटना के बाद विरोध में राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सभी सरकारी अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर हड़ताल पर चले गए हैं। एम्स, सफदरजंग, आरएमएल, लोकनायक, जीबी पंत सहित सभी बड़े अस्पतालों के रेजिडेंट डॉक्टर सोमवार को हड़ताल पर चले गए। आज हड़ताल का दूसरा दिन है जिसके चलते सभी अस्पतालों की ओपीडी सेवा ठप है। इन अस्पतालों में नियमित सर्जरी वगैरह के काम भी प्रभावित हो रहे हैं। रेजिडेंट डॉक्टरों की हड़ताल फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (Federation of Resident Doctors' Association) के आह्वान पर शुरू किया गया। कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 31 वर्षीय डॉक्टर के बलात्कार और हत्या के विरोध में देश भर के डॉक्टरों ने आपातकालीन प्रक्रियाओं को छोड़कर काम पर लौटने से इनकार कर दिया है। देशभर में विरोध प्रदर्शन चल रहा है
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में घटी भयावह घटना के बाद रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने देश भर के अस्पतालों में महिला डॉक्टरों, नर्सों व अन्य महिला कर्मचारियों की सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाने की मांग की। एसोसिएशन ने सभी अस्पतालों में सभी जगहों पर सीसीटीवी कैमरा लगाए जाने की मांग की ताकि महिलाएं कहीं भी असुरक्षित महसूस ना करें।
फेडरेशन ऑफ रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन (FORDA) ने कोलकाता में जूनियर महिला डॉक्टर की रेप और हत्या के विरोध में अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया है। दिल्ली के रेजिडेंट डॉक्टरों की स्वास्थ्य मंत्रालय के साथ सोमवार को हुई बैठक बेनतीजा रही जिसके चलते हड़ताल मंगलवार को भी जारी रहा। एसोसिएशन ने कोलकाता की घटना को "शायद रेजिडेंट डॉक्टर समुदाय के इतिहास में हुआ सबसे बड़ा उपहास" बताया। हड़ताल के चलते बहुत सारे लोग अस्पताल से बगैर इलाज मायूष होकर अपने घर या निजी क्लिनिक और प्राइवेट हॉस्पिटल्स जाने को मजबूर हो रहे हैं।
वहीं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने कोलकाता में घटी घटना को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा है। एसोसिएशन ने पत्र में यह मांग की है कि देशभर के अस्पतालों में डॉक्टरों को सुरक्षित माहौल उपलब्ध कराया जाए। आईएमए ने अपने पत्र में डॉक्टरों की सुरक्षा के लिए सख्त कानून बनाने की मांग की है।