Farmers Protest: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर (Shambhu Border) से किसान एक बार फिर दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली चलो नाम के इस आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने कटीले तार और तमाम तरह के अवरोधों को सड़कों पर लगाया है।
Kisan Protest: पंजाब-हरियाणा बॉर्डर (Shambhu Border) से किसान एक बार फिर दिल्ली की ओर बढ़ने की कोशिश कर रहे हैं। दिल्ली चलो नाम के इस आंदोलन को रोकने के लिए पुलिस ने कटीले तार और तमाम तरह के अवरोधों को सड़कों पर लगाया है। किसानों ने इन तारों और अवरोधों को सड़क से हटाकर अपनी यात्रा जारी रखी है। इस बीच किसानों ने पुलिस की ओर से लगाए गए बैरिकेड पर चढ़ने और हटाने की कोशिश की। इसके जवाब में पुलिस ने किसानों पर आंसू गैस के गोले दागे।
हरियाणा पुलिस ने किसानों को भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNS) की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू होने का हवाला दिया। शंभू बॉर्डर पर किसान नेता सरवन सिंह पंढेर ने कहा, "हमें शांतिपूर्वक दिल्ली की ओर जाने दिया जाए या फिर हमारी मांगों पर हमसे बात की जाए। अंबाला में इंटरनेट सेवाएं बहाल करनी चाहिए। किसानों की तरफ से बातचीत के दरवाजे खुले हैं।"
कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के दौरान किसानों द्वारा उठाए गए प्रमुख मुद्दों को हल करने में विफल रहने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की। किसानों के बीच चल रहे असंतोष के बारे में बोलते हुए, तिवारी ने न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) के लिए संवैधानिक गारंटी प्रदान करने में सरकार की विफलता को उजागर किया, इसे "वादाखिलाफी" करार दिया। तिवारी ने कहा, "दिल्ली की सीमा पर 700 किसानों के बलिदान के बाद कृषि मंत्री और किसानों के बीच समझौता हुआ था।"