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सस्ती होगी खाने-पीने की चीजें, RBI जारी करेगी गोल्ड लोन के नए नियम

आरबीआई गवर्नर ने अनुमान जताया कि अगले साल महंगाई दर आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य, यानी चार प्रतिशत के आसपास रह सकती है।

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Apr 10, 2025

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के गवर्नर मल्होत्रा ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण घोषणा की, जिसमें उन्होंने देश की आर्थिक स्थिति और भविष्य की योजनाओं पर प्रकाश डाला। गवर्नर मल्होत्रा ने बताया कि वर्तमान में महंगाई दर आरबीआई के लक्ष्य से नीचे बनी हुई है, जिसका मुख्य कारण खाद्य उत्पादों की कीमतों में आई कमी है। उन्होंने अनुमान जताया कि अगले साल महंगाई दर आरबीआई के निर्धारित लक्ष्य, यानी चार प्रतिशत के आसपास रह सकती है। यह खबर आम जनता के लिए राहत भरी है, क्योंकि खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी से उनकी जेब पर बोझ कम होगा।

गवर्नर ने यह भी बताया कि देश में आर्थिक गतिविधियों में सकारात्मक बदलाव देखने को मिल रहे हैं। निवेश गतिविधियों में तेजी बनी हुई है, और मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर में भी उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है। इसके साथ ही, शहरी क्षेत्रों में खपत में बढ़ोतरी देखी जा रही है, जो अर्थव्यवस्था के लिए एक अच्छा संकेत है। इन सभी कारकों से यह स्पष्ट होता है कि देश की अर्थव्यवस्था सही दिशा में आगे बढ़ रही है।

गोल्ड लोन के लिए नए नियम

आरबीआई गवर्नर ने गोल्ड लोन से संबंधित एक बड़ी घोषणा भी की। उन्होंने कहा कि सोने के गहनों को गिरवी रखकर मिलने वाले गोल्ड लोन के लिए मौजूदा चिंताओं को देखते हुए नए और व्यापक नियम लागू किए जाएंगे। इस संबंध में ड्राफ्ट गाइडलाइंस तैयार की गई हैं, जिन्हें जल्द ही पब्लिक कमेंट के लिए जारी किया जाएगा। इन दिशा-निर्देशों का उद्देश्य गोल्ड लोन प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सुरक्षित बनाना है। गोल्ड लोन देने वाली विनियमित संस्थाओं (आरई) को उपभोग और आय-उत्पादन दोनों उद्देश्यों के लिए सोने के आभूषणों और गहनों के बदले लोन देने की प्रक्रिया की समीक्षा करनी होगी।

फिन कंपनियों के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की गिरावट

इस घोषणा का असर वित्तीय बाजार पर तुरंत देखने को मिला। बुधवार को गोल्ड लोन से जुड़ी प्रमुख कंपनियों जैसे मुथूट फाइनेंस, आईआईएफएल फाइनेंस, मणप्पुरम फाइनेंस, चोला मंडलम इन्वेस्टमेंट और अन्य फिन कंपनियों के शेयरों में 7 प्रतिशत तक की गिरावट दर्ज की गई। यह गिरावट नए नियमों के लागू होने से पहले बाजार की अनिश्चितता को दर्शाती है। हालांकि, विशेषज्ञों का मानना है कि लंबे समय में ये नियम गोल्ड लोन सेक्टर को अधिक व्यवस्थित और विश्वसनीय बनाएंगे, जिससे उपभोक्ताओं का भरोसा बढ़ेगा।

कुल मिलाकर, आरबीआई की यह पहल न केवल महंगाई को नियंत्रित करने में मदद करेगी, बल्कि गोल्ड लोन सेक्टर में पारदर्शिता और जवाबदेही को भी बढ़ावा देगी। यह कदम आम जनता और अर्थव्यवस्था दोनों के लिए लाभकारी सिद्ध हो सकता है।

Updated on:
10 Apr 2025 11:39 am
Published on:
10 Apr 2025 09:33 am
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