गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने विधानसभा सचिव नम्रता उलमान को अपना इस्तीफा सौंपा, क्योंकि उपाध्यक्ष जोशुआ डिसूजा राज्य से बाहर हैं।
गोवा विधानसभा अध्यक्ष रमेश तावड़कर ने गुरुवार को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. 57 वर्षीय कैनाकोना विधायक ने विधानसभा परिसर में राज्य विधानमंडल सचिव नम्रता उलमान को अपना इस्तीफा सौंप दिया। क्योंकि उपाध्यक्ष जोशुआ डिसूजा इस समय निजी यात्रा पर राज्य से बाहर हैं।
रमेश तावड़कर ने इस्तीफे की वजह भी बताई है। उन्होंने कहा कि पार्टी अब उन्हें कैबिनेट में शामिल करना चाहती है। जानकारी के मुताबिक, तावड़कर और पूर्व मुख्यमंत्री दिगंबर कामत अब मुख्यमंत्री प्रमोद सावंत के नेतृत्व वाली कैबिनेट में शामिल हो गए हैं। दोनों ने दोपहर 12 बजे राजभवन में मंत्री पद की शपथ ली।
तावड़कर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं अध्यक्ष के रूप में अपने पांच साल पूरे करना चाहता था, लेकिन पार्टी (भाजपा) चाहती थी कि मैं पद छोड़ दूं और संगठन के लिए काम करूं। मुझे मंत्री पद का शपथ लेने के लिए कहा गया। उन्होंने आगे कहा कि वह काफी समय तक इसका विरोध करते रहे, लेकिन पार्टी की इच्छा के आगे उन्हें झुकना।
बता दें कि गोवा के मंत्रिमंडल में फेरबदल इसलिए किया गया क्योंकि 18 जून को गोविंद गौड़े को मंत्रिमंडल से हटाए जाने के बाद एक मंत्री पद खाली था और दूसरे मंत्री एलेक्सी सेक्वेरा ने बुधवार को निजी कारणों का हवाला देते हुए इस्तीफा दे दिया था।
गोवा चुनाव में भाजपा की जीत के तुरंत बाद, मार्च 2022 में तावड़कर विधानसभा अध्यक्ष चुने गए। 2007 में विधानसभा के लिए चुने गए तावड़कर इससे पहले भाजपा सरकारों में खेल, आदिवासी कल्याण और कृषि जैसे विभागों के मंत्री रह चुके हैं।
गौरतलब है कि बुधवार को सीएम सावंत ने दिल्ली में पीएम मोदी से मुलाकात की थी। मुख्यमंत्री सावंत ने बुधवार को जानकारी दी थी कि तावड़कर और कामत को मंत्री बनाया जाएगा।
पद छोड़ने के बाद तवाड़कर ने कहा कि मुझे खुशी है कि अध्यक्ष के रूप में अपनी भूमिका के दौरान,मैं आसन का सम्मान और निष्पक्षता बनाए रखने में कामयाब रहा। मैंने दिखाया है कि अध्यक्ष समाज के लिए बहुत कुछ कर सकते हैं।