साइबर क्राइम टीम ने मडगांव और पणजी में छापेमारी कर आरोपी को गिरफ्तार किया। उसके पास से स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइसेस जब्त किए गए। एक स्थानीय अदालत ने आरोपी को मंगलवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।
गोवा पुलिस ने एक 23 वर्षीय युवक को गिरफ्तार किया है, जो अपनी पूर्व प्रेमिका की निजी तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल करने के आरोपी है। यह घटना डिजिटल निजता के उल्लंघन और साइबर स्टॉकिंग की बढ़ती समस्या को उजागर करती है। आरोपी ने रिश्ते के दौरान प्राप्त तस्वीरों का दुरुपयोग कर फर्जी अकाउंट्स से उन्हें शेयर किया, जिससे पीड़िता की जिंदगी मुश्किल हो गई।
घटना उत्तरी गोवा के एक इलाके से जुड़ी है। आरोपी की पहचान मोहम्मद साधिम के रूप में हुई है, जो स्थानीय निवासी है। पुलिस के अनुसार, साधिम का पीड़िता के साथ कुछ समय पहले प्रेम संबंध था। रिश्ते के दौरान महिला ने कुछ निजी तस्वीरें साझा की थीं, जो अंतरंग प्रकृति की थीं। ब्रेकअप के बाद नाराजगी में आरोपी ने फर्जी सोशल मीडिया प्रोफाइल्स बनाए और इन तस्वीरों को महिला के दोस्तों, परिवार और सहकर्मियों के साथ वायरल कर दिया। इससे पीड़िता को सामाजिक अपमान और मानसिक तनाव का सामना करना पड़ा।
पीड़िता ने गोवा पुलिस की साइबर क्राइम यूनिट में शिकायत दर्ज कराई। उन्होंने बताया कि आरोपी ने जानबूझकर उनकी निजता का उल्लंघन किया और बदनामी का प्रयास किया। शिकायत मिलते ही पुलिस ने तुरंत जांच शुरू की। साइबर विशेषज्ञों ने डिजिटल फुटप्रिंट्स का विश्लेषण किया, जिसमें आईपी एड्रेस, अकाउंट्स की ट्रेसिंग और सर्वर लॉग्स शामिल थे। इससे आरोपी के फोन और कंप्यूटर से सबूत मिले।
साइबर क्राइम टीम ने मडगांव और पणजी में छापेमारी कर साधिम को गिरफ्तार किया। उसके पास से स्मार्टफोन, लैपटॉप और अन्य डिवाइसेस जब्त किए गए। एक स्थानीय अदालत ने आरोपी को मंगलवार तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है, ताकि गहन पूछताछ हो सके। पुलिस को शक है कि आरोपी ने अन्य महिलाओं के साथ भी ऐसी हरकतें की हो सकती हैं।
आरोपी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 79 (इलेक्ट्रॉनिक रिकॉर्ड्स का दुरुपयोग) और 356 (निजता का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया गया है। इसके अलावा, सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (आईटी एक्ट) की धारा 66ई (निजता का उल्लंघन), 67 (अश्लील सामग्री का प्रसार) और 67ए (यौन सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक प्रसार) लगाई गई हैं। इन धाराओं में सजा 3 से 5 साल तक की कैद और जुर्माना हो सकता है।