महिला शिक्षकों की संख्या में स्पष्ट बदलाव 2019-20 में देखने को मिलता है, जबकि महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50% से अधिक हो गया। इसके बाद हर साल इसमें लगातार वृद्धि हो रही है।
नई दिल्ली. भारत में पहली बार सभी प्रकार के स्कूली शिक्षकों में महिला शिक्षकों की संख्या बढ़कर पुरुषों से अधिक 53.3 प्रतिशत तक हो चुकी है। 2023-24 के लिए जारी यूडीआईएसई+ (यूनिफाइड डिस्ट्रिक्ट इनफोरमेशन सिस्टम फॉर एजुकेशन) रिपोर्ट अनुसार भारत में महिला शिक्षकों को यह अब तक का सबसे अधिक अनुपात है। स्पष्ट तौर पर यह हमारे शिक्षण कार्यबल में महिला प्रतिनिधित्व में लगातार वृद्धि को दर्शाता है। महिला शिक्षकों की संख्या में स्पष्ट बदलाव 2019-20 में देखने को मिलता है, जबकि महिलाओं का प्रतिनिधित्व 50% से अधिक हो गया। इसके बाद हर साल इसमें लगातार वृद्धि हो रही है। सबसे महत्वपूर्ण उछाल 2022-23 और 2023-24 में दर्ज किया गया, जब उनकी हिस्सेदारी 51.3% से बढ़कर 53.3% हो गई। रिपोर्ट के अनुसार 2018-19 में स्कूल में पढ़ाने वाले कर्मचारियों में पुरुषों की संख्या आधे से थोड़ी ज्यादा थी। तब 94.3 लाख शिक्षकों में से 47.16 लाख (50.01%) पुरुष थे और 47.14 लाख (49.98%) महिलाएं थीं। 2023-24 तक महिला शिक्षकों की संख्या बढ़कर 52 लाख से ज्यादा हो चुकी है, जबकि पुरुष शिक्षकों की संख्या घटकर लगभग 45 लाख ही रह गई।
इसमें भी गौर करने की बात यह है कि केरल, पंजाब और हरियाण में जहां महिला शिक्षकों की संख्या क्रमशः 80 फीसदी, 76 फीसदी और 64.73 तक है, वहीं राजस्थान जैसे राज्यों में अब भी पुरुष शिक्षक ही स्पष्ट तौर पर अधिक हैं। केरल में सरकारी सरकारी स्कूलों में 78 फीसदी महिलाएं शिक्षक हैं, जबकि तमिलनाडु (67%), और दिल्ली (61%) में भी शिक्षण भूमिकाओं में महिलाओं का प्रतिनिधित्व ज्यादा है।
विशेषकर, निजी स्कूलों ने महिला स्कूल शिक्षकों की संख्या में बहुत वृद्धि हुई है। 2018-19 में 49.47 लाख सरकारी स्कूल शिक्षकों में से 28.18 लाख (57%) पुरुष और 21.29 लाख (43%) महिलाएं थीं। 2023-24 में महिलाओं की संख्या में लगभग 6% की वृद्धि देखी गई - 22.65 लाख महिलाएं सरकारी स्कूलों में पढ़ा रही थीं, जबकि 27.72 लाख पुरुष थे।
इसके विपरीत, निजी स्कूलों में पढ़ाने वाली महिलाओं की संख्या में लगभग 20% की वृद्धि देखी गई। 2018-19 से लेकर 2023-24 तक के सभी वर्षों में निजी स्कूलों में महिला शिक्षकों की संख्या अधिक थी। 2023-24 में 37.30 लाख निजी स्कूल शिक्षकों में से 24.76 (66%) महिलाएं थीं, जबकि 2018-19 में कुल 33.04 लाख शिक्षकों में से 20.63 लाख महिला शिक्षक थीं।
भारत के सभी स्कूलों में महिला शिक्षक
| देश/ राज्य | पुरुष | महिला | कुल महिला | महिला प्रतिशत |
| भारत | 4577026 | 5230574 | 9807600 | 53.33 |
| राजस्थान | 455219 | 320526 | 775745 | 41.31 |
| मध्यप्रदेश | 313398 | 326127 | 639525 | 50.99 |
| छत्तीसगढ़ | 138324 | 140474 | 278798 | 50.38 |
| उत्तर प्रदेश | 791481 | 746998 | 1538479 | 48.55 |
| केरल | 55477 | 235619 | 291096 | 80.94 |
| पश्चिम बंगाल | 321349 | 255208 | 576557 | 44.26 |
महिलाओं की यह बढ़त स्कूली शिक्षा तक ही सीमित है। उच्च शिक्षा में अब भी पुरुषों का दबदबा बना हुआ है। 2021-22 के उच्च शिक्षा पर अखिल भारतीय सर्वेक्षण ने बताया था कि महिला शिक्षकों की संख्या केवल 43% है, जबकि पुरुषों की संख्या 57% है। 2018-19 में भी पुरुष 58 फीसदी और महिलाएं करीब 42 फीसदी थीं।