Gujarat Declare 11 More Talukas: गुजरात की प्रगति और विकास को गति देने के लिए, मुख्यमंत्री कार्यालय से गुजरात की विकासशील तालुका योजना में एक नई घोषणा की गई है। इसके तहत अन्य तालुकों को विकासशील तालुकों की लिस्ट में शामिल किया जाएगा। साथ ही उनको ज्यादा अनुदान दिया जाएगा।
Gujarat Development Work: गुजरात की सरकार ने विकासशील तालुकों की संख्या को बढ़ाने का फैसला लिया है। मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक विज्ञप्ति जारी करके इसकी जानकारी दी है। इसके तहत 11 अन्य तालुकों को विकासशील तालुकों में शामिल किया जाएगा। गुजरात सरकार ने यह फैसला राज्य के क्षेत्रीय विकास को मजबूती देने के लिए लिया है। इससे राज्य के विकास को संतुलित तरीके से आगे ले जाया जा सकेगा। साथ ही सरकार ने इन तालुकों में से प्रत्येक को 3 करोड़ रुपये का अनुदान देने की भी बात कही गई है।
गुजरात में 11 नए विकासशील तालुकों में से प्रत्येक को सालाना 3 करोड़ रुपए का अनुदान मिलेगा। विकासशील तालुका योजना के तहत इन तालुकों को विकास कार्यों के लिए सालाना 2 करोड़ रुपए का बजट मिलेगा। इसके अतिरिक्त, 'आपनो तालुको वाइब्रेंट तालुको' (ATVT) पहल के तहत 1 करोड़ रुपए और उपलब्ध कराए जाएंगे। इसका मतलब प्रत्येक तालुका को कुल 3 करोड़ रुपए का वार्षिक अनुदान मिलेगा।
गुजरात सरकार ने विकासशील तालुकों में कड़वल (छोटा उदेपुर), उकाई (तापी), गोविंद गुरु लिमड़ी (दाहोद), सुखसर (दाहोद), चिकड़ा (नर्मदा), रा (वाव-थराड), धरणिधर (वाव-थराड), ओगड़ (बनासकांठा), हदाद (बनासकांठा), गोधर (महिसागर) और नानापोंधा (वलसाड) तालुका शामिल किए हैं।
गुजरात सरकार तालुकों का चयन मानव विकास सूचकांक (HDI) के 44 सामाजिक-आर्थिक संकेतकों के आधार पर करती है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि राज्य के सभी क्षेत्र दीर्घकालिक और लघुकालिक योजनाओं से लाभान्वित हों और समग्र विकास की गति तेज हो। इसमें नए और पुराने दोनों क्षेत्रों को शामिल किया जाता है।
हाल के वर्षों में, प्रशासनिक कार्यकुशलता बढ़ाने और क्षेत्रीय जरूरतों को पूरा करने के लिए 17 नए तालुके बनाए गए हैं। इनमें से जिन तालुकों के आधे से ज्यादा गांव पहले से विकासशील तालुकों में शामिल थे, उन्हें अब स्वयं विकासशील तालुका घोषित किया गया है।
सरकारी अधिकारियों का कहना है कि मुख्यमंत्री के इस निर्णय से इन क्षेत्रों में सड़क, शिक्षा, स्वास्थ्य, स्वच्छता और सामाजिक सेवाओं को बढ़ावा मिलेगा। इससे स्थानीय प्रशासन और शासन क्षमता मजबूत होगी। साथ ही सभी गुजरात के समावेशी विकास में अधिक प्रभावी योगदान दे सकेंगे।