Heatwave Alert: भारत 2025 में रिकॉर्ड तोड़ गर्मी पड़ने वाली है। भीषण गर्मी की वजह से बिजली की खपत भी बढ़ने वाली है। विशेषज्ञों के अनुसार, इस बार 10 प्रतिशत बिजली की अधिक मांग बढ़ने वाली है।
Heatwave Alert: भारत में इस बार भीषण गर्मी और लू परेशान करने वाली है। विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस गर्मी में बिजली की अधिकतम मांग में 9 से 10 प्रतिशत की वृद्धि के लिए तैयार रहना चाहिए, क्योंकि देश में और अधिक गर्मी पड़ने की संभावना है। पिछले साल बिजली की अधिकतम मांग 30 मई को 250 गीगावाट (GW) को पार कर गई थी, जो अनुमानों से 6.3 प्रतिशत अधिक थी। जानकारों का कहना है कि बढ़ती गर्मी की वजह एसी और वातानुकुल के दूसरे उपायों का इस्तेमाल भी लगातार बढ़ रहा है, जिससे ऊर्जा की खपत भी बढ़ोतरी हो रही है।
वर्तमान में उद्योग, घर और कृषि भारत की कुल बिजली खपत का क्रमशः 33 प्रतिशत, 28 प्रतिशत और 19 प्रतिशत हिस्सा हैं। दिल्ली स्थित थिंक टैंक काउंसिल ऑन एनर्जी, एनवायरनमेंट एंड वाटर में वरिष्ठ कार्यक्रम प्रमुख दिशा अग्रवाल के अनुसार, पिछले एक दशक में घरेलू बिजली की मांग सबसे तेजी से बढ़ी है।
घरेलू बिजली खपत का हिस्सा 2012-13 में 22 प्रतिशत से बढ़कर 2022-23 में 25 प्रतिशत हो गया। विशेषज्ञों का कहना है कि इस वृद्धि का श्रेय आर्थिक विकास और बढ़ते तापमान के कारण शीतलन की बढ़ती ज़रूरत को दिया जा सकता है।
अग्रवाल ने कहा कि 2024 की गर्मियों में रिकॉर्ड तोड़ तापमान के बीच रूम एयर कंडीशनर की बिक्री में साल-दर-साल 40 से 50 प्रतिशत की वृद्धि होगी। उन्होंने कहा कि भारत को अब लंबे समय तक चलने वाली गर्मी और 9-10 प्रतिशत की पीक बिजली मांग वृद्धि के लिए तैयार रहना होगा। विश्लेषण से पता चलता है कि यह पीक मांग केवल कुछ समय के लिए ही रहेगी।
उन्होंने कहा कि भारत की बिजली की खपत 2020-21 से सालाना लगभग 9 प्रतिशत की दर से बढ़ रही है, जबकि पिछले दशक में यह 5 प्रतिशत प्रति वर्ष थी। केंद्रीय विद्युत प्राधिकरण (सीईए) ने अनुमान लगाया था कि 2022 से 2030 तक बिजली की मांग 6 प्रतिशत प्रति वर्ष की दर से बढ़ेगी।
पिछले सप्ताह नेचुरल रिसोर्स डिफेंस काउंसिल द्वारा आयोजित ग्लोबल हीट एंड कूलिंग फोरम में विशेषज्ञों ने गर्मियों के तापमान में वृद्धि के साथ एयर कंडीशनिंग की बढ़ती मांग के बारे में चिंता जताई। विश्व बैंक में दक्षिण एशिया के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर रेजिलिएंस पॉलिसी और फाइनेंस के प्रैक्टिस मैनेजर आभास झा ने कहा कि मध्यम उत्सर्जन परिदृश्य के तहत, भारत में हीटवेव की संख्या तीन गुना होने की उम्मीद है।