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भारत में कभी सिर्फ अंग्रेजों का होता था बीमा… LIC ने ऐसे आम लोगों तक पहुंचाया इंश्योरेंस

LIC Journey In India: स्थापना ऐसे समय पर हुई थी, जब आजादी के बाद इंश्योरेंस सेक्टर काफी कठिन दौर से गुजर रहा था। LIC के आने के बाद इस सेक्टर में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला।

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Life Insurance Corporation of India Established in which year

LIC Established In India: देश में जब भी बात लाइफ इंश्योरेंस की आती है तो लोगों के मन में सबसे पहला नाम भारतीय जीवन बीमा निगम (LIC) का आता है। आज के समय में यह देश की सबसे बड़ी इंश्योरेंस कंपनी है। LIC की स्थापना (Establishment of LIC) आज से 68 साल पहले एक सितंबर, 1956 को हुई थी। इसकी स्थापना ऐसे समय पर हुई थी, जब आजादी के बाद इंश्योरेंस सेक्टर काफी कठिन दौर से गुजर रहा था। LIC के आने के बाद इस सेक्टर में अभूतपूर्व परिवर्तन देखने को मिला।

Life Insurance Corporation of India

भारत में पहली बार 1818 में आया इंश्योरेंस

भारत में पहली बार इंश्योरेंस 1818 में इंग्लैंड से आया था। उस समय ओरिएंटल लाइफ इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना यूरोपीय लोगों की ओर से कोलकाता में की गई थी। यह कंपनी केवल यूरोपीय लोगों का बीमा करती थी। भारतीयों का इसमें बीमा नहीं किया जाता था। फिर बाद में बाबू मुट्टीलाल सील जैसे जाने माने लोगों के प्रयासों के कारण विदेशी बीमा कंपनियों में भारतीयों का बीमा शुरू हो गया, लेकिन यूरोपीय लोगों के मुकाबले प्रीमियम अधिक वसूला जाता था। बाद में 1870 में इस समस्या को देखते हुए बॉम्बे म्यूचुअल लाइफ एश्योरेंस सोसाइटी (BMLIS) ने एक भारतीय इंश्योरेंस कंपनी की स्थापना की, जिसमें भारतीय को सामान्य दरों पर बीमा दिया जाता था।

भारतीय जीवन बीमा निगम

भारत में बीमा कंपनियो की ऐसी हुई शुरूआत

धीरे-धीरे राष्ट्रवाद की ब्यार वही और 1886 तक देश में कई भारतीय बीमा कंपनियां खड़ी हो गई। बीसवीं सदी की शुरुआत में बीमा कारोबार में अच्छी बढ़ोतरी देखने को मिली। कंपनियों की संख्या बढ़कर 44 हो गई और इनका व्यापार करीब 22.44 करोड़ रुपये का था, बाद में इन कंपनियों की संख्या बढ़कर 176 तक पहुंच गई और इनका व्यापार बढ़कर 1938 तक 298 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यह वह समय था, जब बीमा कंपनियों के वित्तीय स्थिति को लेकर ठीक नहीं थी। इसके बाद देश 1947 में आजाद हुआ। फिर सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों का राष्ट्रीयकरण किया और 245 इंश्योरेंस कंपनियों का विलय कर लाइफ इंश्योरेंस कॉरपोरेशन एक्ट (LIC Act) के जरिए 5 करोड़ रुपये की पूंजी से LIC की स्थापना की।

ऐसे हुई LIC की स्थापना

LIC की स्थापना का उद्देश्य देश के हर नागरिक तक विशेषकर ग्रामीण इलाकों में इंश्योरेंस की सुविधा सही कीमत पर पहुंचाना था। 1956 में एलआईसी के कॉर्पोरेट ऑफिस के अलावा 5 जोनल ऑफिस, 33 डिविजनल ऑफिस और 212 ब्रांच ऑफिस थे। एलआईसी की आधिकारिक वेबसाइट के अनुसार आज के समय में देश की सबसे बड़ी बीमा कंपनी के पास 2048 ब्रांच ऑफिस, 113 डिविजनल ऑफिस, 8 जोनल ऑफिस और 1381 सेटेलाइट ऑफिस और कॉरपोरेट ऑफिस हैं। इसकी बाजार हिस्सेदारी 60 प्रतिशत से अधिक हैं। एलआईसी की कुल एसेट्स अंडर मैनेजमेंट (एयूएम) 50 लाख करोड़ रुपये से भी अधिक है। मई 2022 में एलआईसी का आईपीओ आया था। इसका आकार 21,000 करोड़ रुपये का था। यह भारतीय शेयर बाजार इतिहास में अब तक का सबसे बड़ा आईपीओ था। एलआईसी का मौजूदा बाजार पूंजीकरण 6.73 लाख करोड़ रुपये का है। बीते एक वर्ष में एलआईसी के शेयर ने 64.42 प्रतिशत का रिटर्न दिया है।

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