उपराष्ट्रपति ने कहा देश के चीफ जस्टिस का प्रोटोकॉल बहुत मायने रखता है। जब उन्होंने यह कहा तो उनके लिए व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि उस पद के लिए था जिसे वह धारण करते हैं।
Jagdeep Dhankhar: उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने मुख्य न्यायाधीश बीआर गवई के महाराष्ट्र दौरे में प्रोटोकॉल का पालन न होने पर चिंता जताई। उन्होंने कहा मैं भी पीड़ित रहा हूं। कई बार आप राष्ट्रपति और पीएम का फोटो देखते हैं, लेकिन उपराष्ट्रपति का फोटो नहीं देखते। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने ये बात वरिष्ठ अधिवक्ता विजय हंसरिया द्वारा संपादित पुस्तक ‘द कॉन्स्टिट्यूशन वी अडॉप्टेड’ के विमोचन समारोह के दौरान कही।
उन्होंने कहा कि देश के चीफ जस्टिस का प्रोटोकॉल बहुत मायने रखता है। जब उन्होंने यह कहा तो उनके लिए व्यक्तिगत नहीं था, बल्कि उस पद के लिए था जिसे वह धारण करते हैं। उन्होंने आगे कहा कि मैं भी पीड़ित रहा हूं। आपने राष्ट्रपति और पीएम की तस्वीरें देखी होंगी, लेकिन उपराष्ट्रपति की नहीं।
उपराष्ट्रपति धनखड़ ने कहा कि जब मैं इस पद को छोड़ दूंगा, तो सुनिश्चित करूंगा कि मेरे उत्तराधिकारी की तस्वीर ज़रूर हो। लेकिन मैं वास्तव में वर्तमान मुख्य न्यायाधीश का आभारी हूं कि उन्होंने नौकरशाही में लोगों का ध्यान प्रोटोकॉल के पालन की ओर आकर्षित किया, क्योंकि यह बहुत आवश्यक है।
वहीं उपराष्ट्रपति धनखड़ ने जस्टिस यशवंत वर्मा के घर पर नकदी बरामद मामले में कहा कि उन्होंने इस मुद्दे पर अपना पक्ष रखा है, क्योंकि देश का हर व्यक्ति इंतजार कर रहा है। वे चाहते हैं कि सत्य सामने आए।
दोषी साबित होने तक किसी व्यक्ति के निर्दोष होने के अधिकार के बारे में बात करते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि मैं कोई आरोप नहीं लगा रहा हूं, मैं बस इतना कह रहा हूं कि जब राष्ट्रहित की बात आती है तो हम अदरूंनी या बाहरी के रूप में विभाजित नहीं हो सकते। उन्होंने कहा कि एक मजबूत, स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली नागरिकों के लिए सबसे सुरक्षित गारंटी है।
जस्टिस बी.आर. गवई, भारत के मुख्य न्यायाधीश (CJI) ने हाल ही में अपने महाराष्ट्र दौरे के दौरान प्रोटोकॉल का पालन न होने पर नाराजगी जताई। मुंबई में महाराष्ट्र और गोवा बार काउंसिल द्वारा आयोजित एक सम्मान समारोह में भाग लेने के दौरान, उन्हें प्रोटोकॉल के अनुसार स्वागत नहीं मिला। इस मौके पर महाराष्ट्र के वरिष्ठ अधिकारी अनुपस्थिति रहे।