Illegal Immigrants: विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को संदन से बाहर आकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारतीय नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया।
Illegal Immigrants: अमेरिका से वापस भेजे गए 104 भारतीय युवकों के साथ हुए व्यवहार को लेकर राजनीतिक तूफान खड़ा हो गया है। बताया जा रहा है कि पूरी यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी और बेड़ियां लगाई गईं। अमृतसर एयरपोर्ट पर उतरने के बाद ही उनकी बेड़ियां खोली गईं। विभिन्न दलों के राजनेताओं ने आक्रोश व्यक्त करते हुए इस कृत्य की निंदा की और इसे मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया तथा मांग की कि केंद्र सरकार इस मामले को अमेरिकी अधिकारियों के समक्ष उठाए। लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी और AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी सहित कई विपक्ष नेताओं ने मोदी सरकार पर जोरदार हमला बोला है।
विपक्षी सांसदों ने गुरुवार को संदन से बाहर आकर केंद्र सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। कांग्रेस सांसद ने कहा कि भारतीय नागरिकों के साथ आतंकवादियों जैसा बर्ताव किया गया। इस दौरान कुछ सांसद अपने हाथों में हथकड़ी पहने दिखे। प्रदर्शन के दौरान सांसदों ने पोस्टर भी लहराए। इन पर लिखा था- बेड़ियों में हिंदुस्तान, नहीं सहेंगे ये अपमान।
लोकसभा के नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को अपने एक्स अकाउंट से एक वीडियो शेयर किया है। इस वीडियो में भारत आए व्यक्ति अपनी आपबीती बता रहा है। वह पंजाबी में बोलते कह रहा है कि 40 घंटों तक हमें हथकड़ी लगाई गई, हमारे पैरों को जंजीरों से बांधा गया और हमें अपनी सीट से एक इंच भी हिलने नहीं दिया गया। यह नरक से भी बदतर था। इस शख्स का नाम हरविंदर सिंह बताया जा रहा है। कांग्रेस सांसद राहुल ने कहा कि प्रधानमंत्री जी, इस आदमी का दर्द सुनिए। भारतीयों को सम्मान और मानवता चाहिए, हथकड़ी नहीं।
अमेरिका से भारतीयों की वापसी मचे बवाल पर कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी ने भी मोदी सरकार से जवाब मांगा है कि क्या इंसानों के साथ इस तरह का व्यवहार उचित है। प्रियंका ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और डोनाल्ड ट्रंप दोनों बहुत अच्छे दोस्त हैं, फिर पीएम मोदी ने ऐसा क्यों होने दिया। उन्होंने सवाल करते हुए पूछा, क्या इंसानों के साथ ऐसा व्यवहार किया जाता है। भारतीय लोगों को हथकड़ियां और बेड़ियां पहनाकर भेजा गया। यह कोई तरीका है। इसके साथ ही उन्होंने प्रधानमंत्री से इस पर जवाब मांगा है।
अमेरिका में कथित रूप से अवैध रूप से रह रहे भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर मचे बवाल के बीच, AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि एक रिपोर्ट के अनुसार संयुक्त राज्य अमेरिका में अभी भी 6,75,000 भारतीय अप्रवासी हैं। इसके साथ ही उन्होंने कहा है कि 18,000 लोग अंतिम सूची में हैं। प्यू रिसर्च 2022 की रिपोर्ट के अनुसार, यूएसए में अभी भी 6,75,000 अवैध भारतीय अप्रवासी हैं और 18,000 लोग अभी भी अंतिम सूची में हैं। जब ये सभी लोग वापस लौटेंगे। सरकार को यह भी बताना चाहिए कि वह उनके लिए क्या करेगी। ओवैसी ने मीडिया से कहा कि भाजपा नेता कहते रहते हैं कि मोदी जी ने भारत का नाम ऊंचा किया है और इसे महाशक्ति बनाया है, लेकिन अब क्या हो रहा है? उन्हें इतने अपमानजनक तरीके से वापस क्यों लाया जा रहा है?
वरिष्ठ कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस व्यवहार की कड़ी निंदा की है। उन्होंने कहा कि लोगों को हथकड़ी और बेड़ियां लगाना, उन्हें निर्वासित करते हुए 40 घंटे तक शौचालय का उपयोग भी न करने देना पूरी तरह से अमानवीय है। उनका अपराध क्या है? वे बेहतर जीवन की तलाश में गए थे। हां, उन्होंने यह अवैध रूप से किया, लेकिन इससे वे अपराधी नहीं बन जाते जिन्हें हाथ-पैर बाँधकर जानवरों से भी बदतर व्यवहार करना चाहिए। चंडीगढ़ से सांसद तिवारी ने केंद्र के रुख पर भी सवाल उठाते हुए कहा, डोनाल्ड ट्रंप के साथ इन सभी शिखर सम्मेलनों का क्या मतलब है, अगर पीएमओ इंडिया और डॉ एस जयशंकर यह सुनिश्चित नहीं कर सकते कि हमारे देशवासियों के साथ अपमानजनक तरीके से व्यवहार न किया जाए?
पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने इस व्यवहार को अमानवीय और मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया। युवाओं को जंजीरों में बांधकर सैन्य विमान में निर्वासित किया गया। अमेरिकी अधिकारियों द्वारा किया गया यह पूरी तरह से अमानवीय व्यवहार है। जालंधर से कांग्रेस सांसद ने कहा है कि हम इस मामले को संसद में उठाएंगे और केंद्र सरकार से आग्रह करेंगे कि वह इसे अमेरिकी सरकार के समक्ष उठाए। अगर ये युवा आजीविका कमाने के लिए अमेरिका गए थे, तो उन्होंने कोई अपराध नहीं किया है, उनके साथ ऐसा व्यवहार क्यों किया जा रहा है? डोनाल्ड ट्रंप के पिछले कार्यकाल के दौरान भी भारतीय नागरिकों को इसी तरह से निर्वासित किया गया था।