India-Russian oil import: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत रूस से तेल खरीदना जारी रखेगा।
India-Russian oil import: केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) ने साफ किया है कि भारत रूस से कच्चा तेल (India Russian oil import) खरीदता रहेगा। उन्होंने कहा कि यह निर्णय पूरी तरह भारत के राष्ट्रीय हितों को ध्यान में रख कर लिया जाएगा। उन्होंने कहा, “हम अपनी जरूरतों, कीमतों और लॉजिस्टिक्स को देखकर फैसला लेते हैं। विदेशी मुद्रा और ऊर्जा सुरक्षा हमारे लिए अहम है।”सीतारमण ने स्पष्ट किया कि भारत के कुल आयात खर्च (GST reforms India) में कच्चे तेल की हिस्सेदारी सबसे अधिक है। ऐसे में, जहां से सस्ता और स्थिर तेल मिलेगा, भारत वहां से आयात (US tariffs on India) करेगा। उन्होंने कहा, “हम अपनी जरूरतों के मुताबिक निर्णय लेने के लिए स्वतंत्र हैं। रूस से तेल खरीदना हमारी आर्थिक रणनीति का हिस्सा है।”
सीतारमण का यह बयान ऐसे समय में आया है जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत पर रूस से तेल खरीदने को लेकर सवाल उठाए हैं। ट्रंप ने यह भी कहा है कि भारत जैसे देशों पर "सेकेंडरी टैरिफ" लागू करना रूस पर सीधी कार्रवाई के बराबर है। 27 अगस्त से भारत पर 50 प्रतिशत आयात शुल्क भी लागू कर दिया गया है।
राष्ट्रपति ट्रंप ने चेतावनी दी है कि रूस से व्यापार जारी रखने वाले देशों पर “फेज 2” और “फेज 3” टैरिफ लगाए जाएंगे। उन्होंने भारत को चीन के बाद रूस से सबसे अधिक तेल आयात करने वाला देश बताया और कहा कि अगर भारत आयात जारी रखता है, तो आगे और दंडात्मक कदम उठाए जा सकते हैं।
सीतारमण ने यह भी कहा कि GST जैसे टैक्स सुधारों से टैरिफ का प्रभाव कम होगा। उन्होंने कहा कि सरकार इसके ज़रिए उद्योगों पर पड़ने वाले बोझ को संतुलित करने की कोशिश कर रही है। इससे टैरिफ के कारण महंगाई या लॉजिस्टिक खर्च में बढ़ोतरी को काबू में लाया जा सकेगा।
बहरहाल सीतारमण ने उन उद्योगों के लिए राहत पैकेज की घोषणा का संकेत भी दिया, जो अमेरिका के नए टैरिफ से प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा, “सरकार उनके लिए विशेष पैकेज ला रही है, जिससे उनका व्यापार प्रभावित न हो। हम जल्द ही सहायता के कई उपाय सामने लाएंगे।”