Betting Apps Advertisement: भारत सरकार ने ऑनलाइन सट्टेबाजी यानी बेटिंग ऐप्स के विज्ञापन पर रोक लगाते हुए टीवी और इंटरनेट समेत सभी डिजिटल और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेटिंग ऐप्स के ऐड पर पूरी तरह से रोक लगाने का फैसला लिया।
भारत सरकार ने ऑनलाइन सट्टेबाजी और जुआ से जुड़े ऐप्स के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए एक बड़ा फैसला लिया है। केंद्र सरकार ने ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दे दी है, जिसके तहत सट्टेबाजी से संबंधित ऐप्स के विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया जाएगा। इस नए नियम के अनुसार, टीवी और इंटरनेट सहित सभी डिजिटल और मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर बेटिंग ऐप्स के ऐड पर पूरी तरह से रोक लगा दी जाएगी।
कैबिनेट ने हाल ही में ऑनलाइन गेमिंग बिल को मंजूरी दी है, जिसका मुख्य उद्देश्य अवैध सट्टेबाजी और जुए को बढ़ावा देने वाले प्लेटफॉर्म्स पर लगाम लगाना है। इस बिल के तहत न केवल बेटिंग ऐप्स के ऐड पर रोक लगाई गई है, बल्कि सेलिब्रिटीज और इन्फ्लुएंसर्स द्वारा इन ऐप्स को प्रमोट करने पर भी सख्त कानूनी कार्रवाई का प्रावधान किया गया है। इसके अलावा, बैंकों और वित्तीय संस्थानों को भी इन ऐप्स से संबंधित किसी भी तरह के लेन-देन को सुगम बनाने से रोक दिया गया है।
सरकार का यह कदम समाज में अवैध सट्टेबाजी के बढ़ते प्रभाव को रोकने और युवाओं को इसके नकारात्मक प्रभावों से बचाने के लिए उठाया गया है। कई बेटिंग ऐप्स मनोरंजन और गेमिंग के नाम पर यूजर्स, खासकर युवाओं को आकर्षित करते हैं, जिससे वित्तीय नुकसान और लत की समस्या बढ़ रही है। सरकार ने इसे गंभीरता से लेते हुए डिजिटल स्पेस में नैतिकता और पारदर्शिता सुनिश्चित करने का लक्ष्य रखा है।
इस फैसले को ऑनलाइन गेमिंग कंपनियों के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि यह कदम डिजिटल गेमिंग उद्योग को और अधिक जवाबदेह बनाएगा, साथ ही उपभोक्ताओं को अनुचित प्रथाओं से बचाएगा। भारतीय जनता पार्टी और अन्य राजनीतिक दलों ने इस फैसले का समर्थन किया है, इसे भारतीय संस्कृति और सामाजिक मूल्यों की रक्षा के लिए जरूरी कदम बताया है।