India's GDP: चालू वित्त वर्ष (Current Financial Year) की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर लगभग दो साल के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई है।
India's GDP: विनिर्माण और खनन क्षेत्रों के खराब प्रदर्शन के कारण चालू वित्त वर्ष (Current Financial Year) की जुलाई-सितंबर तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि धीमी होकर लगभग दो साल के निचले स्तर 5.4 प्रतिशत पर आ गई, लेकिन देश सबसे तेजी से बढ़ती बड़ी अर्थव्यवस्था बना हुआ है। ये डेटा शुक्रवार को सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय के आधिकारिक आंकड़ों से पता चला। बता दें किवित्त वर्ष 2023-24 की जुलाई-सितंबर तिमाही में सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में 8.1 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी।
GDP वृद्धि का पिछला निचला स्तर 4.3 प्रतिशत वित्तीय वर्ष 2022-23 की तीसरी तिमाही (अक्टूबर-दिसंबर 2022) में दर्ज किया गया था। इस साल की शुरुआत में संसद में पेश किए गए आर्थिक सर्वेक्षण ने 2024-25 के लिए भारत की वास्तविक GDP वृद्धि 6.5-7 प्रतिशत अनुमानित की, यह स्वीकार करते हुए कि बाजार की उम्मीदें अधिक हैं। वास्तविक जीडीपी वृद्धि मुद्रास्फीति के लिए समायोजित रिपोर्ट की गई आर्थिक वृद्धि है।
एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने इस सोमवार को चालू वित्त वर्ष 2024-25 के लिए भारत के जीडीपी पूर्वानुमान को 6.8 प्रतिशत पर बरकरार रखा, जबकि अगले दो वर्षों के लिए आर्थिक विकास पूर्वानुमानों में कटौती की। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने पिछले हफ्ते कहा था कि भारतीय अर्थव्यवस्था में कमजोरी देखी गई, खासकर हालिया तिमाही में। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपने नवीनतम मासिक बुलेटिन में कहा कि 2024-25 (जुलाई-सितंबर) की दूसरी तिमाही में भारतीय अर्थव्यवस्था में देखी गई सुस्ती अब पीछे छूट गई है, क्योंकि निजी खपत फिर से घरेलू मांग का चालक बन गई है, तथा अक्टूबर-दिसंबर में त्यौहारी खर्च ने वास्तविक गतिविधि को बढ़ावा दिया है।