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छत्तीसगढ़ः चंद्रयान मिशन में इस्तेमाल इसरो की मशीनों से अब दुर्ग जिले में होगी पढ़ाई

दुर्ग के एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर को इसरो के चंद्रयान मिशन में उपयोग हाई-टेक मशीनें मिल गई है।

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Dec 21, 2025
प्रतीकात्मक तस्वीर- AI

छत्तीसगढ़ के तकनीकी विद्यार्थियों के लिए यह बड़ी उपलब्धि है। अब उन्हें हाई-टेक मशीनों से प्रशिक्षण के लिए राज्य से बाहर जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के चंद्रयान मिशन में जिन अत्याधुनिक और हाई-प्रिसिशन मशीनों का उपयोग किया गया था, उसी श्रेणी की मशीनें अब दुर्ग जिले के रसमड़ा स्थित एमएसएमई टेक्नोलॉजी सेंटर में उपलब्ध हो गई हैं।

भुवनेश्वर स्थित सेंट्रल टूल रूम एंड ट्रेनिंग सेंटर (सीटीटीसी) ने जिन मशीनों की मदद से इसरो के लिए उच्च सटीकता वाले कंपोनेंट्स तैयार किए थे, वैसी ही उन्नत तकनीक अब दुर्ग में स्थापित की गई है। यह केंद्र अब राज्य का सबसे आधुनिक टूल रूम बन गया है। यहां स्थापित मशीनों की कुल कीमत करीब 26 करोड़ रुपए है, जो फिलहाल प्रदेश के किसी अन्य संस्थान में उपलब्ध नहीं है। यहां छात्रों को सीएनसी मशीनिंग, कैड-कैम डिजाइन, मापन तकनीक, इंडस्ट्रियल क्वालिटी कंट्रोल का हैंड्स-ऑन अनुभव मिलेगा।

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जर्मनी और जापान की हाई-एंड मशीनें बनीं आकर्षण

टेक्नोलॉजी सेंटर में जर्मनी निर्मित हरमिली एक्सिस मशीन स्थापित की गई है, जिससे एयरोस्पेस, रक्षा और मेडिकल सेक्टर में उपयोग होने वाले जटिल और उच्च सटीकता वाले पाट्र्स तैयार किए जा सकते हैं। इस मशीन से रॉकेट इंजन पाट्र्स, मेडिकल इंप्लांट और एयरक्राफ्ट कंपोनेंट्स की प्रोसेसिंग संभव है। कई मशीनों की कीमत एक-एक की करीब 5 करोड़ रुपए है।

Updated on:
21 Dec 2025 03:36 am
Published on:
21 Dec 2025 03:34 am
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