Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पहले चरण की 43 सीटों पर चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को अपना घोषणा पत्र (Manifesto Released) जारी किया। शिबू सोरेन (Shibu Soren) की ओर से जारी किए गए घोषणा पत्र को झामुमो ने ‘अधिकार पत्र’ नाम दिया है।
Jharkhand Assembly Election 2024: झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन के बड़े घटक दल झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने पहले चरण की 43 सीटों पर चुनाव प्रचार के आखिरी दिन सोमवार को अपना घोषणा पत्र (Manifesto Released) जारी किया। पार्टी के सुप्रीमो शिबू सोरेन (Shibu Soren) द्वारा जारी किए गए घोषणा पत्र को झामुमो ने ‘अधिकार पत्र’ नाम दिया है। पार्टी ने 1932 के खतियान (जमीन सर्वे का कागजात) आधारित स्थानीय नीति (डोमिसाइल पॉलिसी Domicile Policy) लागू करने, एससी-एसटी एवं पिछड़े (SC-ST OBC Reservation) वर्ग के लिए आरक्षण कोटे में वृद्धि, सरना-आदिवासी धर्म कोड लागू कराने का वादा किया है। पार्टी ने राज्य में पिछड़ा वर्ग कल्याण मंत्रालय का गठन करने का भी संकल्प व्यक्त किया है।
पूर्व की रघुवर सरकार के समय लाए गए भूमि अधिग्रहण (झारखंड) संशोधन कानून, 2017 और लैंड बैंक नीति को रद्द करने का भी ऐलान पार्टी ने किया है। भूमि दस्तावेजों को ऑनलाइन करने की प्रक्रिया में भाजपा सरकार द्वारा गड़बड़ी करने का आरोप लगाते हुए कहा गया है कि सत्ता में आने के बाद झामुमो इस प्रक्रिया में ग्राम सभा के सशक्त हस्तक्षेप को सुनिश्चित करेगी और गड़बड़ी करने वालों को दंड दिया जाएगा। आदिवासी हितों के संरक्षण का वादा करते हुए घोषणा पत्र में कहा गया है कि पांचवीं अनुसूची के प्रावधानों और पेसा कानून को पूर्ण रूप से लागू किया जाएगा। साथ ही भूमि अधिकार कानून बनाकर सभी स्थानीय भूमिहीन परिवारों को भूखंड उपलब्ध कराने का वादा भी झामुमो के घोषणा पत्र में है। भूमिहीन दलितों और विस्थापितों के जाति/आवासीय प्रमाण पत्र बनाने की प्रक्रिया के सरलीकरण और सरकार बनने के छह महीने के अंदर सभी आवेदकों को प्रमाण पत्र देने का वादा भी घोषणा पत्र में है।
पार्टी ने ऐलान किया है कि वन संरक्षण कानून में किए गए संशोधनों को रद्द करते हुए ग्राम सभा की शक्तियों को पुनः बहाल किया जाएगा तथा वन अधिकार कानून के तहत ग्राम सभा द्वारा स्वीकृत सारे लंबित निजी और सामुदायिक वन पट्टा दावों को बिना कटौती दिया जाएगा। इसके अलावा घोषणा पत्र में सिंचाई योजनाओं की पुनर्समीक्षा, जलाशयों व डैम के पानी में झारखंड की अधिकाधिक हिस्सेदारी, विस्थापन की समस्या झेल रहे लोगों के लिए 'पुनर्वास आयोग', खासमहाल एवं गैर मजरुआ भूमि पर रह रहे रैयतों को रजिस्ट्री और लगान रसीद की सुविधा, रेल सुविधाओं का विस्तार, राज्य के हर पंचायत तक इंटरनेट का विस्तार, पत्रकारों के लिए प्रशिक्षण, बीमा और पेंशन, बेहतर सड़क निर्माण, नए प्रखंडों और अनुमंडलों का गठन, विचाराधीन बंदियों की रिहाई, प्रवासी मजदूरों के अधिकार और सम्मान के लिए संघर्ष, आदिवासी रेजिमेंट के गठन, किसानों को शून्य ब्याज दर पर ऋण, मनरेगा श्रमिकों को न्यूनतम 350 रुपए प्रतिदिन का पारिश्रमिक, धान का न्यूनतम समर्थन मूल्य 3,200 रुपए प्रति क्विंटल, वन उत्पादों के समर्थन मूल्य में 50 फीसदी तक की वृद्धि जैसे वादे भी किए गए हैं।
शिक्षा एवं रोजगार के लिए हर 500 किलोमीटर पर सीएम स्कूल ऑफ एक्सीलेंस तथा 4,500 पंचायत स्तरीय आदर्श विद्यालयों के साथ-साथ प्रत्येक प्रखंड में डिग्री कॉलेज व हर अनुमंडल में पॉलिटेक्निक कॉलेज खोलने का वादा भी किया गया है। इसी तरह शिक्षक, उत्पाद सिपाही, सिपाही, लिपिक सहित अन्य प्रक्रियाधीन नियुक्तियों को ससमय पूरा करते हुए 45 हजार नौकरियां देने की बात कही गई है। महिलाओं के लिए भी कई घोषणाएं की गई हैं, जिनमें सभी नियुक्तियों में 33 प्रतिशत आरक्षण, मंईयां सम्मान योजना के तहत हर महीने 2,500 रुपए की राशि, महिला स्वयं सहायता समूहों को प्रोत्साहन, ग्रामीण छात्रों तथा कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावास आदि शामिल हैं।