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2 सितंबर को तय होगा जेजेपी का टिकट, अजय सिंह चौटाला ने की दंगल की घोषणा

अजय सिंह चौटाला ने अपने भाषण में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये दोनों पार्टियां हरियाणा की जनता के साथ धोखा कर रही हैं। भाजपा और हुड्डा आपस में मिले हुए हैं और चुनाव के समय में ईडी की कार्रवाई महज एक नाटक है।

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Sep 01, 2024

जननायक जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं के साथ अजय सिंह चौटाला ने एक अहम बैठक की। बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौटाला ने एक महत्वपूर्ण घोषणा की। कार्यकर्ताओं की बैठक में अजय सिंह चौटाला ने अपने समर्थकों को संबोधित करते हुए कहा कि जननायक जनता पार्टी हरियाणा विधानसभा चुनाव में अपनी ताकत दिखाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। उन्होंने कहा कि पार्टी के उम्मीदवारों का चयन पारदर्शी तरीके से किया जाएगा और टिकटों की घोषणा जल्द ही की जाएगी।

उन्होंने कहा कि 2 सितंबर को पार्टी की पीएसी की बैठक होगी, जिसके बाद सभी टिकटों की घोषणा की जाएगी। साथ ही उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्टी का घोषणा पत्र भी जारी किया जाएगा। अजय सिंह चौटाला ने अपने भाषण में भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने कहा कि ये दोनों पार्टियां हरियाणा की जनता के साथ धोखा कर रही हैं। भाजपा और हुड्डा आपस में मिले हुए हैं और चुनाव के समय में ईडी की कार्रवाई महज एक नाटक है। जननायक जनता पार्टी ही एकमात्र विकल्प है, जो जनता के हितों की लड़ाई लड़ सकती है।

उन्होंने कहा कि भूपेंद्र सिंह हुड्डा हर रोज 70 सीट लेकर सोते हैं, लेकिन उनकी खुद की ही टिकट के लाले पड़े हुए हैं। उन्होंने कहा कि चाहे कोई भी कुछ दावा करता रहे लेकिन विधानसभा चुनाव में मुद्दे अलग होते हैं और जनता जनार्दन के नतीजे यह है बता भी देंगे।

उल्लेखनीय है कि हरियाणा में नई सरकार के गठन के लिए पांच अक्टूबर को सभी 90 सीटों पर मतदान होगा। वहीं, 8 अक्टूबर को चुनावी नतीजे घोषित किए जाएंगे। इसके पहले हरियाणा में 1 अक्टूबर को चुनाव होना था और चार अक्टूबर को नतीजे आने थे। लेकिन, शनिवार को चुनाव आयोग ने मतदान की तारीख बदलकर 5 अक्टूबर कर दी है।

चुनाव आयोग ने बिश्नोई समुदाय के सदियों पुराने त्योहार का हवाला देते हुए शनिवार को हरियाणा विधानसभा चुनावों के लिए मतगणना की तारीख 8 अक्टूबर कर दी है। ईसीआई ने कहा, "यह निर्णय बिश्नोई समुदाय के मताधिकार और परंपराओं का सम्मान करने के लिए लिया गया है, जिन्होंने अपने गुरु जम्भेश्वर की स्मृति में आसोज अमावस्या उत्सव मनाने की सदियों पुरानी प्रथा को कायम रखा है।"

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