डीके शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी कार्यकर्ता बने रहना पसंद करेंगे, कोई पद इच्छा नहीं है। उन्होंने कहा कि वह 45 साल से पार्टी के लिए काम कर रहे हैं।
कर्नाटक में मुख्यमंत्री पद को लेकर सत्तारूढ़ कांग्रेस में जारी आंतरिक घमासान के बीच उप मुख्यमंत्री व प्रदेश अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने कहा कि वह पार्टी और सरकार में कोई पद संभालने के बजाय कार्यकर्ता बने रहना पसंद करेंगे।
नई दिल्ली में बुधवार को संवाददाताओं से बात करते हुए शिवकुमार ने कहा कि वह 45 सालों से पार्टी के लिए कड़ी मेहनत करते आए हैं। उन्हें कोई पद संभालने के बजाय पार्टी कार्यकर्ता बनना अधिक पसंद है, क्योंकि यह उनके लिए एक स्थायी पद है।
वे 1980 से ही पार्टी कार्यकर्ता रहे हैं और भविष्य में भी पार्टी कार्यकर्ता बने रहेंगे। दरअसल, शिवकुमार से पूछा गया था कि क्या वह पूरे पांच साल तक उप मुख्यमंत्री बने रहना पसंद करेंगे?
जब उनसे पूछा गया कि क्या ढाई साल बाद सत्ता में साझेदारी को लेकर कोई समझौता हुआ है, तो उन्होंने कहा, हमारे बीच क्या बात हुई, उसका खुलासा नहीं कर सकते। हमने साथ मिलकर काम किया है और सरकार बनाई है। हर पार्टी कार्यकर्ता ने पार्टी के लिए कड़ी मेहनत की है।
पार्टी हाईकमान ने आजादी दी है और कांग्रेस सरकार एक टीम की तरह काम कर रही है। यह सिर्फ शिवकुमार या सिद्धारमैया की बात नहीं है। सभी विधायकों, पार्टी कार्यकर्ताओं ने पार्टी को सत्ता में लाने के लिए बलिदान दिया है।
कर्नाटक में सीएम पद को लेकर बवाल इसलिए मचा है क्योंकि सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार दोनों ही मुख्यमंत्री बनने के दावेदार हैं।
कांग्रेस पार्टी ने अभी तक इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है, लेकिन दोनों नेताओं के समर्थक अपने-अपने नेता के लिए दबाव बना रहे हैं।
सिद्धारमैया ने कहा है कि वह अपने पद पर बने रहेंगे और अगला बजट भी पेश करेंगे, जबकि डीके शिवकुमार ने कहा है कि वह डिप्टी सीएम के पद से खुश हैं और हाईकमान के फैसले का पालन करेंगे।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा है कि सीएम पद का फैसला हाईकमान करेगा और स्थानीय नेताओं को अपने आंतरिक मतभेदों की जिम्मेदारी खुद लेनी चाहिए।
इस बीच, एक और नेता जी परमेश्वर ने भी सीएम पद के लिए अपनी दावेदारी पेश की है। माना जा रहा है कि नेतृत्व बदलने के बाद परमेश्वर को डिप्टी सीएम बनाया जा सकता है।