कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक, सोनिया गांधी सिद्धारमैया-शिवकुमार विवाद सुलझाने में खरगे को सीएम बना सकती हैं। सिद्धारमैया को राज्यसभा या LoP पद देकर कुरुबा समुदाय को साधने की भी चर्चा है।
कर्नाटक में सीएम पद को लेकर उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार और मुख्यमंत्री सिद्धारमैया के बीच लड़ाई चरम पर है। अब आखिरकार, इस मामले में कांग्रेस पार्लियामेंट्री पार्टी की लीडर सोनिया गांधी ने दखल दे दिया है। माना जा रहा है कि जनवरी मध्य तक पार्टी की ओर से सीएम पद को लेकर बड़ा फैसला आ सकता है।
सूत्रों के हवाले से द न्यू इंडियन एक्सप्रेस ने बताया कि लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी 15 जनवरी के बाद विदेश जाने से पहले इस लड़ाई को पूरी तरह से खत्म कर सकते हैं।
सोनिया ने शनिवार को दिल्ली में कांग्रस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और पार्टी जनरल सेक्रेटरी (ऑर्गनाइजेशन) इंचार्ज केसी वेणुगोपाल से मुलाकात की और कर्नाटक के हालात का जायजा लिया।
ऐसा माना जा रहा है कि बिहार चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद, सोनिया कर्नाटक में उथल-पुथल को बड़े नजरिए से देख सकती हैं, क्योंकि पार्टी को 2026 में असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और केंद्र शासित प्रदेश पुडुचेरी में होने वाले चुनावों के लिए तैयार रहना है।
नाम न बताने की शर्त पर एक सीनियर कांग्रेस लीडर ने द न्यू इंडियन एक्सप्रेस को बताया कि सोनिया पुरानी लीडर हैं, वह जानती हैं कि शिवकुमार चुनाव में काम आएंगे।
उधर, शिवकुमार का गुट इस बात से खुश है कि सोनिया ने इस मामले में दखल दिया है। सियासी गलियारों से यह बात भी उभरकर सामने आई है कि शिवकुमार सोनिया और उनकी बेटी प्रियंका गांधी वाड्रा से कई बार चुपके से मिल चुके हैं क्योंकि वे भी 2023 में पार्टी के सत्ता में आने पर हुए कथित पावर-शेयरिंग समझौते में शामिल थे।
समझौते के अनुसार, सिद्धारमैया को ढाई साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अपना सीएम पद शिवकुमार को सौंपना था। उधर, सिद्धारमैया गुट को राहुल गांधी से आस है।
उनका मानना है कि राहुल सिद्धारमैया को CM बने रहने दे सकते हैं। सिद्धारमैया का गुट शिवकुमार को समझाने के लिए कई तरीके अपना रहा है, जिसमें टॉप लीडरशिप को यह भी संदेशदिया जा रहा है कि अगर सिद्धारमैया को पद छोड़ने के लिए मजबूर किया गया तो अहिंदा कम्युनिटी का सपोर्ट खत्म हो जाएगा
उधर, कांग्रेस के एक समर्थक ने कहा कि सोनिया सीएम पद को लेकर फैसला लेने से पहले कई ऑप्शन पर सोच-विचार कर सकती हैं और अगर सिद्धारमैया और शिवकुमार दोनों कैंप में अनबन बनी रही, तो वह मल्लिकार्जुन खरगे को सीएम बनाने के बारे में सोच सकती हैं।
एक सीनियर कांग्रेस नेता ने सुझाव दिया है कि अगर सिद्धारमैया समझने को तैयार होते हैं तो हाईकमान उन्हें राज्यसभा के लिए नॉमिनेट कर सकता है या पिछड़े वर्गों, खासकर उनके कुरुबा समुदाय को इम्प्रेस करने के लिए लीडर ऑफ अपोजिशन पद के लिए भी उन पर विचार कर सकता है।