UPS : यूपीएस में कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद अपने 10% अंशदान वाले खाते से बने कॉरपस की 60% राशि एकमुश्त निकालने का विकल्प होगा लेकिन उस अनुपात में उसकी पेंशन कम हो जाएगी।
Unified Pension Scheme : केंद्र सरकार की नई एकीकृत पेंशन योजना (यूपीएस) में यदि कर्मचारी अपने पेंशन फंड को सक्रिय रूप (एक्टिव इंवेस्टमेंट चॉइस) से मैनेज करेगा तो उसे रिटायर होने पर 50 फीसदी से ज्यादा पेंशन भी मिल सकती है। इसके लिए सरकार कर्मचारी के लिए दो खाते खोलेगी। जानकार सूत्रों के अनुसार एक खाते में कर्मचारी के वेतन से 10% अंशदान के साथ सरकार का 10% अंशदान होगा, दूसरे खाते में सरकार की ओर से अतिरिक्त 8.50% अंशदान जमा करवाया जाएगा।
पेंशन नियामक प्राधिकरण (पीएफआरडीए) की मौजूदा योजना के तहत पहले वाले खाते में डिफाल्ट चॉइस होगी लेकिन कर्मचारी इस फंड में एक्टिव इंवेस्टमेंट चॉइस का इस्तेमाल भी कर सकता है। ऐसे में एक्टिव चॉइस रखने वाले कर्मचारी की सेवानिवृत्ति के बाद इस फंड के कुल काॅरपस की एन्युनिटी से उसकी 50% से ज्यादा पेंशन भी बनेगी तो वह उसका हकदार होगा। यदि कॉरपस से 50% से कम पेंशन बनेगी तो सरकार दूसरे खाते (जिसमें 8.50% अंशदान रखा गया है) से भरपाई कर उसे 50 फीसदी गारंटेड पेंशन देगी।
यूपीएस में कर्मचारी को सेवानिवृत्ति के बाद अपने 10% अंशदान वाले खाते से बने कॉरपस की 60% राशि एकमुश्त निकालने का विकल्प होगा लेकिन उस अनुपात में उसकी पेंशन कम हो जाएगी।
केंद्रीय कर्मचारियों को नेशनल पेंशन स्कीम (एनपीएस) या यूपीएस में से विकल्प का चुनाव एक पोर्टल पर करना होगा। इसके लिए जल्द ही एक एकीकृत पोर्टल तैयार किया जाएगा। यूपीएस को लागू करने की जिम्मेदारी पीएफआरडीए की होगी। पोर्टल और नियमों से जुड़ी तैयारियों के लिए जल्द ही वित्त मंत्रालय के स्तर पर भी बैठक होनी है। अधिकारियों का कहना है कि कैबिनेट की मंजूरी मिलने के बाद अब स्कीम से जुड़े विस्तृत दिशा-निर्देश जारी होंगे। उसी के हिसाब से ऑनलाइन पोर्टल व आइटी सिस्टम तैयार किया जाएगा। केंद्र सरकार यूपीएस के बारे में राज्य सरकारों से भी चर्चा करेगी। यूपीएस एक अप्रेल 2025 से लागू होगी।
यूपीएस पर भाजपा और विपक्ष में तकरार की िस्थति है। भाजपा ने कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मांगों को सुनते हैं। इसलिए कर्मचारियों को 50 फीसदी पेंशन की गारंटी दी गई है। कांग्रेस ने मोदी सरकार को 'यू-टर्न' वाली सरकार करार दिया। उधर, कर्मचारियों संगठन भी इस मुद्दे पर दो फाड़ हैं। एक वर्ग ने यूपीएस को मौजूदा एनपीएस से बेहतर बता कर स्वागत किया है। दूसरे वर्ग ने इसे खारिज करते हुए कहा है कि पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) ही लागू होनी चाहिए।
केंद्रीय कर्मचारियों के लिए यूपीएस की घोषणा के 24 घंटे में ही महाराष्ट्र में भी इसे लागू करने का फैसला किया गया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में रविवार को हुई बैठक में इस फैसले पर मोहर लगाई गई। प्रदेश में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा कि 'यूपीएस में 'यू' का मतलब है 'मोदी सरकार का यू-टर्न' है। चार जून के बाद जनता की शक्ति प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता के अहंकार पर हावी हो गई है। सरकार ने लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन/सूचकांक के संबंध में बजट में रोलबैक, वक्फ विधेयक को संयुक्त संसदीय समिति को भेजना, ब्रॉडकास्ट बिल और लेटरल एंट्री को वापस लिया है। हम जवाबदेही सुनिश्चित करते रहेंगे और लोगों को इस निरंकुश सरकार से बचाएंगे।'
भाजपा सांसद रविशंकर प्रसाद ने कहा कि 'हमारे प्रधानमंत्री मांगों को सुनते हैं, समझते हैं और संवेदनशील रहते हैं। कर्मचारियों की मांग पर वित्त सचिव की कमेटी बनाई गई। कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर कर्मचारियों को 50% पेंशन गारंटी तय हो गई। कांग्रेस ने हिमाचल और कर्नाटक में उनकी सरकार होने के बावजूद ओपीएस का वादा क्यों नहीं निभाया?'