झारखंड में नक्सलियों ने पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों का बदला लेने के लिए एक निजी कंपनी के मोबाइल टावर में आग लगा दी। इस घटना में नक्सलियों ने ग्रामीणों को घरों में रहने की चेतावनी दी। यह घटना पश्चिमी सिंहभूम जिले में हुई है।
झारखंड में नक्सली पुलिस के साथ मुठभेड़ में मारे गए अपने साथियों का बदला लेने के लिए खूंखार हो गए हैं। पश्चिमी सिंहभूम जिले में माओवादियों ने सोमवार देर रात एक निजी कंपनी के मोबाइल टावर में आग लगा दी। अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी। जिले में तीन दिनों के भीतर यह इस तरह की दूसरी घटना है।
पुलिस के अनुसार, हथियारबंद माओवादियों का एक समूह आधी रात के आसपास छोटानागरा थाना क्षेत्र के बहदा गांव में घुस आया और निवासियों को घरों के अंदर रहने की चेतावनी दी। लोगों से उन्होंने कहा कि घर के अंदर रहना वरना गंभीर परिणाम भुगतने होंगे।
इसके बाद उन्होंने टावर की बैटरी और कंट्रोल पैनल पर पेट्रोल डालकर उसे आग लगा दी। आग लगने से कई विस्फोट हुए, जिससे उपकरण पूरी तरह नष्ट हो गए। इलाके के एक बड़े हिस्से में मोबाइल संचार बाधित हो गया।
बताया जाता है कि मोबाइल टावर में आग लगाने के बाद उग्रवादी लगभग एक घंटे तक गांव में रहे। वह सुरक्षा बलों के साथ हाल ही में हुई मुठभेड़ों में अपने साथियों की मौत का बदला लेने की धमकी वाले पोस्टर और पर्चे छोड़ गए।
घटनास्थल छोटानागरा पुलिस स्टेशन और पास के एक सुरक्षा शिविर से कुछ ही किलोमीटर की दूरी पर है। पुलिस मंगलवार सुबह घटनास्थल पर पहुंची और तलाशी अभियान शुरू किया।
इस आगजनी से ग्रामीणों में दहशत फैल गई है, जो 11-12 अक्टूबर की रात जराइकेला थाना क्षेत्र में एक अन्य मोबाइल टावर पर हुए इसी तरह के हमले के बाद पहले से ही तनाव में थे।
यह ताजा घटना सारंडा वन क्षेत्र में माओवादियों की बढ़ती गतिविधियों के बीच हुई है। 10 अक्टूबर को, माओवादियों द्वारा किए गए सिलसिलेवार आईईडी विस्फोटों में सीआरपीएफ के हेड कांस्टेबल महेंद्र लश्कर शहीद हो गए थे और दो अधिकारी घायल हो गए थे।
अधिकारियों ने कहा कि ये हमले माओवादियों द्वारा हाल ही में सुरक्षा अभियानों में अपने कई कार्यकर्ताओं की हत्या के विरोध में घोषित 'बदला सप्ताह' (8-14 अक्टूबर) का हिस्सा प्रतीत होते हैं।
समूह ने 15 अक्टूबर को पांच राज्यों झारखंड, बिहार, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और असम में बंद का भी आह्वान किया है। इसके साथ चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगों को नजरअंदाज किया गया तो बड़ी कार्रवाई की जाएगी।