CP Radhakrishnan: उपराष्ट्रपति पद के लिए सीपी राधाकृष्णन ने नामांकन दाखिल किया।नामांकन प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य प्रस्तावक के रूप में शामिल थे।
Vice President Election: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार और महाराष्ट्र के राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन (CP Radhakrishnan) ने आज, 20 अगस्त 2025 को संसद भवन में अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन प्रक्रिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) मुख्य प्रस्तावक के रूप में शामिल हुए।
नामांकन चार सेटों में दाखिल किया गया, जिसमें प्रत्येक सेट में 20 प्रस्तावकों और 20 समर्थकों के हस्ताक्षर शामिल हैं। पहले सेट में प्रधानमंत्री मोदी के हस्ताक्षर थे, जबकि बाकी सेटों में केंद्रीय मंत्रियों और NDA के वरिष्ठ नेताओं के हस्ताक्षर शामिल किए गए। नामांकन दाखिल करने के दौरान लगभग 160 NDA सांसद और मंत्री मौजूद थे, जो गठबंधन की एकजुटता को दर्शाता है।
सीपी राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु के कोयंबटूर से दो बार सांसद रह चुके हैं और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के वरिष्ठ नेता हैं, को 17 अगस्त को NDA ने उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार घोषित किया था। यह निर्णय BJP संसदीय बोर्ड की बैठक में लिया गया, जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह सहित वरिष्ठ नेता शामिल थे।
प्रधानमंत्री मोदी ने राधाकृष्णन की उम्मीदवारी की सराहना करते हुए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, "सीपी राधाकृष्णन जी ने अपने लंबे सार्वजनिक जीवन में समर्पण, विनम्रता और बुद्धिमत्ता के साथ खुद को विशिष्ट बनाया है। विभिन्न पदों पर रहते हुए उन्होंने हमेशा सामुदायिक सेवा और वंचितों के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया है। मुझे खुशी है कि NDA ने उन्हें उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के रूप में चुना है।"
उपराष्ट्रपति चुनाव 9 सितंबर 2025 को होगा, और मतगणना उसी दिन होगी। नामांकन दाखिल करने की अंतिम तारीख 21 अगस्त है, जबकि उम्मीदवार 25 अगस्त तक अपने नाम वापस ले सकते हैं। यह चुनाव पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ के 21 जुलाई को स्वास्थ्य कारणों से इस्तीफे के बाद जरूरी हो गया था।
राधाकृष्णन, जो तमिलनाडु के तिरुपुर जिले से हैं और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) से लंबे समय से जुड़े हैं, को उनकी गैर-विवादास्पद छवि और संसदीय ज्ञान के लिए जाना जाता है। उनकी उम्मीदवारी को तमिलनाडु में BJP की स्थिति मजबूत करने और दक्षिण भारत में प्रभाव बढ़ाने की रणनीति के रूप में देखा जा रहा है।