1 नवंबर 2025 से दिल्ली में बीएस-वीआई मानक से कम वाले बाहरी कमर्शियल गुड्स वाहनों का प्रवेश प्रतिबंधित होगा, ताकि वायु प्रदूषण को कम किया जा सके। यह फैसला GRAP-2 के तहत सर्दियों में बढ़ते स्मॉग पर नियंत्रण के लिए लिया गया है।
राजधानी दिल्ली की हवा एक बार फिर जहरीली हो रही है। सर्दियों के आगमन से पहले प्रदूषण की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने बड़ा कदम उठाया है। कमीशन फॉर एयर क्वालिटी मैनेजमेंट (CAQM) ने घोषणा की है कि 1 नवंबर 2025 से दिल्ली में गैर-बीएस-वीआई (BS-VI) अनुपालन वाली कमर्शियल गुड्स वाहनों (ट्रक, लाइट, मीडियम और हेवी गुड्स व्हीकल्स) को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। यह प्रतिबंध दिल्ली के बाहर रजिस्टर्ड वाहनों पर लागू होगा, जो बीएस-वीआई, सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक फ्यूल पर नहीं चलते। यह फैसला दिल्ली-एनसीआर में वाहनों से निकलने वाले उत्सर्जन को कम करने के उद्देश्य से लिया गया है, जो सर्दियों में वायु प्रदूषण का प्रमुख कारण बनता है।
CAQM के आदेश के अनुसार, केवल बीएस-वीआई डीजल, सीएनजी, एलएनजी या इलेक्ट्रिक पावर पर चलने वाले कमर्शियल वाहनों को ही दिल्ली में आने की छूट मिलेगी। दिल्ली में रजिस्टर्ड वाहनों पर अभी कोई पाबंदी नहीं है।
ट्रांसपोर्ट और ट्रैफिक पुलिस विभाग को निर्देश दिए गए हैं कि बॉर्डर चेकपॉइंट्स पर सख्त जांच हो। इसके लिए ऑटोमैटिक नंबर प्लेट रिकग्निशन (ANPR) और रेडियो-फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन (RFID) तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा। उल्लंघन करने वालों पर जुर्माना लगाया जा सकता है।
दिल्ली का एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) पहले से ही 'पुअर' कैटेगरी में पहुंच चुका है। यह कदम ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान (GRAP) के स्टेज-2 का हिस्सा है, जो वाहनों से निकलने वाले पार्टिकुलेट मैटर (PM) और नाइट्रोजन ऑक्साइड (NOx) उत्सर्जन को कम करेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि इससे सर्दियों में स्मॉग की समस्या में काफी राहत मिल सकती है
वाहन मालिकों से अपील की गई है कि वे अपनी गाड़ियों के एमिशन सर्टिफिकेशन की जांच कर लें। यह नियम दिल्ली सरकार के 'एयर पॉल्यूशन मिटिगेशन प्लान 2025' का महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य स्वच्छ हवा सुनिश्चित करना है।
ट्रांसपोर्टर एसोसिएशंस ने इस फैसले का स्वागत किया है, लेकिन अपग्रेड के लिए सब्सिडी की मांग भी की है। आने वाले दिनों में प्रदूषण स्तर पर नजर रखी जा रही है, और जरूरत पड़ने पर और सख्त कदम उठाए जा सकते हैं।