अग्निशमन विभाग ने जज के सरकारी आवास से कैश मिलने के दावों को खारिज कर दिया है। DFS के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि आग बुझाने गई टीम को किसी प्रकार की नगदी नहीं मिली।
Justice Yashwant Verma: दिल्ली हाईकोर्ट के जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में अचानक आग लग गई थी। आग लगने की घटना के वक्त जज साहब घर पर नहीं थे। पहले खबर आई थी कि जब आग को बुझाने गई फायर बिग्रेड की टीम को करोड़ों रूपए कैश में मिले थे। इस मामले में कार्रवाई की मांग उठ रही है। यह मामला सुप्रीम कोर्ट तक पहुंच गया है। शुक्रवार को राज्यसभा में विपक्षी दलों ने इस मुद्दे को उठाया। लेकिन अब इस घटना में एक नया मोड़ सामने आया है। दिल्ली के दमकल विभाग ने नोट जारी कर सभी को हैरान कर दिया है।
अग्निशमन विभाग ने जज के सरकारी आवास से कैश मिलने के दावों को खारिज कर दिया है। दिल्ली अग्निशमन सेवा (DFS) के प्रमुख अतुल गर्ग ने कहा कि आग बुझाने गई टीम को घटना स्थल पर किसी प्रकार की नगदी नहीं मिली थी।
डीएफएस के प्रमुख अतुल गर्ग ने शुक्रवार कहा कि 14 मार्च की रात 11.35 बजे जस्टिस वर्मा के आवास पर आग लगने की खबर मिली थी। इसके तुरंत बाद दो दमकल की गाड़ियां मौके भेजी। दमकल टीम 11.43 बजे तक घटनास्थल पर पहुंची और आग पर काबू पाया। उन्होंने बताया कि आग स्टोर रूम में लगी थी जहां पर स्टेशनरी और घरेलू सामान रखा हुआ था।
दमकल विभाग ने बताया कि 15 मिनट में आग को बुझा दिया गया था। इस दौरान कोई हताहत नहीं हुआ। इसके बाद उन्होंने इस घटना की जानकारी पुलिस को दी। फिर दमकल की टीम वहां से निकल गई। आग बुझाते समय दमकल कर्मियों को कोई नगदी नहीं मिली थी।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, जज यशवंत वर्मा के सरकारी आवास में लगी आग के बाद भारी मात्रा में नकदी बरामद हुआ था। इस मामले को जस्टिस वर्मा के दिल्ली हाईकोर्ट से इलाहाबाद हाईकोर्ट ट्रांसफर को भी जोड़कर देखा जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने इन दोनों मामलों को अलग-अलग बताया है। इस बीच शीर्ष कोर्ट ने कहा कि न्यायाधीश यशवंत वर्मा से संबंधित घटना को लेकर गलत सूचना और अफवाहें फैलाई जा रही हैं।