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ऐसे चुने जाते हैं लोकसभा के अध्यक्ष, ओम बिरला का दूसरी बार स्पीकर बनना तय, ये रहा कारण

Loksabha: नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव रखेंगे और सभी दलों से उन्हें निर्विरोध सर्वसम्मति से चुनने का आग्रह करेंगे।

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लोकसभा अध्यक्ष पद पर चयन को लेकर सरकार और विपक्षी दलों के बीच सहमति नहीं बन पाने के कारण बुधवार को सदन में चुनाव होना तय माना जा रहा है। यह बताया जा रहा है कि बुधवार को लोकसभा की कार्यवाही शुरू होने पर सबसे पहले उन नवनिर्वाचित सांसदों का नाम पुकारा जाएगा, जिन्होंने अब तक संसद सदस्यता की शपथ नहीं ली है। उनके शपथ ग्रहण के बाद सदन की कार्यवाही आगे बढ़ाई जाएगी।

प्रधानमंत्री मोदी करेंगे नाम का अनुमोदन

नवनिर्वाचित सांसदों के शपथ ग्रहण के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सदन में नए लोकसभा अध्यक्ष के नाम का प्रस्ताव रखेंगे और सभी दलों से उन्हें निर्विरोध सर्वसम्मति से चुनने का आग्रह करेंगे। अगर सरकार द्वारा किए गए आग्रह को स्वीकार कर विपक्ष की तरफ से के. सुरेश का नाम लोकसभा अध्यक्ष के उम्मीदवार के तौर पर प्रस्तावित नहीं किया जाएगा तो ओम बिरला निर्विरोध लोकसभा अध्यक्ष चुन लिए जाएंगे। अगर विपक्ष की तरफ से अपने उम्मीदवार का नाम प्रस्तावित किया जाएगा तो फिर सदन में चुनाव करवाया जाएगा।

लोकसभा के सांसद डालेंगे वोट

यह बताया जा रहा है कि अगर लोकसभा अध्यक्ष पद को लेकर मतदान होता है तो ज्यादा संभावना इस बात की है कि यह मतदान पर्ची से करवाया जाएगा। लोकसभा में शपथ ले चुके नवनिर्वाचित सांसद मतदान के जरिए यह तय करेंगे कि लोकसभा के नए स्पीकर कौन होंगे, ओम बिरला या के. सुरेश।

ओम बिरला का दूसरी बार स्पीकर बनना तय

हालांकि, सदन में संख्या बल की बात करें तो एनडीए गठबंधन के उम्मीदवार के तौर पर ओम बिरला का आसानी से चुनाव जीतना तय माना जा रहा है। केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू भी सरकार के पास संख्या बल होने का दावा करते हुए विपक्षी दलों से परंपरा के मुताबिक, लोकसभा अध्यक्ष का चयन सर्वसम्मति से और निर्विरोध करने की अपील कर चुके हैं।

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