one nation one election: एक देश-एक चुनाव यानि वन नेशन वन इलेक्शन बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सरकार अब वन नेशन वन इलेक्शन बिल को संसद में पेश कर सकती है।
One Nation One Election: एक देश-एक चुनाव यानि वन नेशन वन इलेक्शन बिल को कैबिनेट ने मंजूरी दे दी है। सरकार अब वन नेशन वन इलेक्शन बिल को संसद में पेश कर सकती है। अगले हफ्ते मोदी सरकार इस बिल को संसद में पेश कर सकती है। ANI के अनुसार मोदी कैबिनेट ने वन नेशन-वन इलेक्शन बिल को मंजूरी दे दी और वो बिल पर आम सहमति बनाना चाहती है। इस बिल पर व्यापक चर्चा के लिए मोदी सरकार इसे संयुक्त संसदीय समिति या जेपीसी के पास भेज सकती है। इससे पहले बुधवार को भारत के पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद ने कहा कि केंद्र सरकार को 'एक राष्ट्र -एक चुनाव' पहल पर आम सहमति बनानी चाहिए, उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि यह मुद्दा राजनीतिक हितों से परे है और पूरे देश की सेवा करता है।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने बुधवार को राज्य विधानसभाओं और लोकसभा के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया, यह तर्क देते हुए कि बार-बार चुनाव होने से समय और सार्वजनिक धन की काफी बर्बादी होती है। उन्होंने कहा कि बार-बार चुनाव होने से लोक कल्याण कार्यक्रम बाधित होते हैं और इसके परिणामस्वरूप सार्वजनिक धन का काफी व्यय होता है। शिवराज ने कहा मैं कृषि मंत्री हूं, लेकिन चुनाव के दौरान मैंने तीन महीने प्रचार में बिताए। इससे प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री, मंत्री, सांसद, विधायक, अधिकारी और कर्मचारियों का समय बर्बाद होता है। सारे विकास कार्य ठप हो जाते हैं। फिर नई घोषणाएं करनी पड़ती हैं।
बता दें कि देश में अभी अलग-अलग राज्यों में अलग-अलग समय पर चुनाव होते हैं। यह विधेयक कानून बनने के बाद देश में एक साथ चुनाव कराए जाने की तैयारी है। हलांकि मोदी सरकार के इस कदम का विपक्ष द्वारा विरोध किया जा रहा है। विपक्ष का आरोप है कि इससे केंद्र में सत्तारूढ़ पार्टी को फायदा होगा।
वन नेशन-वन इलेक्शन पर असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने कहा कि यह आना चाहिए, जैसे ओडिशा में एक साथ चुनाव हुए। पीएम मोदी चाहते हैं कि वन नेशन वन इलेक्सन हो और हम इसका पूरा समर्थन करते हैं।