ऑपरेशन सिंदूर और अन्य कई मुद्दों पर चर्चा की मांग को लेकर सोमवार को विपक्ष ने संसद में जमकर हंगामा किया। इसके बाद सरकार इन मुद्दों पर चर्चा करने के लिए राजी हो गई।
सोमवार से संसद में मानसून सत्र की शुरुआत हो चूकी है। सत्र के पहले ही दिन दोनों सदनों में विपक्ष ने ऑपरेशन सिंदूर को लेकर जम कर हंगामा किया, जिसके चलते बार बार सदन की कार्यवाही स्थगित की गई। लगातार हुए इस हंगामे के बाद आखिरकार सरकार इस विषय पर चर्चा के लिए तैयार हो गई है और उसने फैसला लिया है कि दोनों सदनों में कुल 25 घंटे इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी। इस दौरान लोकसभा में 16 घंटे और राज्यसभा में 9 घंटे इस मुद्दे पर बहस होगी।
सत्र के पहले ही दिन विपक्षी पार्टियों ने ऑपरेशन सिंदूर, पहलगाम आतंकी हमला, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के मध्यस्थता संबंधी दावों और बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) समेत कई हालिया मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए जमकर हंगामा किया और नारेबाजी भी की। इसके चलते सदन की कार्यवाही शुरु होने के 20 मिनट बाद ही इसे दोपहर 12 बजे तक और फिर 2 बजे तक स्थगित कर दिया गया। लेकिन जब 2 बजे कार्यवाही फिर शुरु हुई तो हंगामा पहले की तरह ही बरकरार रहा। जिसके बाद स्पीकर ने पीठासीन सभापति संध्या राय ने विपक्ष को बताया कि सरकार इन मुद्दों पर चर्चा के लिए तैयार है।
जानकारी के अनुसार, सरकार ने विभिन्न विधेयकों और महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा के लिए समय निर्धारित किया गया है। इसके अनुसार, भारतीय डाक विधेयक को लेकर लोकसभा में 3 घंटे, आयकर संशोधन विधेयक पर 12 घंटे, राष्ट्रीय खेल विधेयक पर 8 घंटे और मणिपुर बजट पर 2 घंटे चर्चा की जाएगी। इस दौरान तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने 1975 के आपातकाल की 50वीं वर्षगांठ पर चर्चा की भी मांग की है। साथ ही भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर ने हिमाचल प्रदेश में बारिश और बाढ़ की स्थिति पर चर्चा करने के लिए भी समय मांगा है।
उल्लेखनीय है कि इस बार मानसून सत्र 21 जुलाई से लेकर 21 अगस्त तक चलेगा। यह सत्र 32 दिन तक चलेगा और इस दौरान 21 बैठकें होंगी। इस दौरान स्वतंत्रता दिवस के समारोह के लिए संसद के दोनों सदन 12 अगस्त से 17 अगस्त तक स्थगित रहेंगे, जिसके बाद 18 अगस्त को सत्र फिर से शुरू किए जाएंगे।