राष्ट्रीय

‘नाम डॉग बाबू, पिता कुत्ता बाबू, मां…’ पटना में अधिकारियों की बड़ी लापरवाही, कुत्ते के नाम पर जारी हुआ आवासीय प्रमाणपत्र

Patna dog Residential Certificate: बिहार की राजधानी पटना में आवासीय प्रमाणपत्र जारी किया गया जिसमे आवेदक का नाम "डॉग बाबू", पिता का नाम "कुत्ता बाबू", माता का नाम "कुटिया देवी" और पता "काउलीचक, वार्ड नंबर 15, मसौढ़ी नगर परिषद" दर्ज है।

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Jul 28, 2025
Patna dog Residential Certificate (X)

बिहार की राजधानी पटना के मसौढ़ी अंचल कार्यालय से एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है, जहां एक कुत्ते के नाम पर आवासीय प्रमाणपत्र जारी कर दिया गया। इस प्रमाणपत्र में आवेदक का नाम "डॉग बाबू", पिता का नाम "कुत्ता बाबू", माता का नाम "कुटिया देवी" और पता "काउलीचक, वार्ड नंबर 15, मसौढ़ी नगर परिषद" दर्ज है। प्रमाणपत्र पर एक कुत्ते की तस्वीर भी लगी है, जिसने पूरे प्रशासनिक तंत्र की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

दिल्ली की महिला के दस्तावेज से छेड़छाड़

यह प्रमाणपत्र 24 जुलाई 2025 को मसौढ़ी के RTPS (राइट टू पब्लिक सर्विस) काउंटर के माध्यम से जारी किया गया, जिसमें राजस्व पदाधिकारी मुरारी चौहान का डिजिटल हस्ताक्षर भी मौजूद है। इसका प्रमाणपत्र नंबर BRCCO/2025/15933581 है। खबरों के अनुसार, यह प्रमाणपत्र दिल्ली की एक महिला के दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ करके बनाया गया, जिसने इस मामले को और गंभीर बना दिया।

सोशल मीडिया पर वायरल

जैसे ही यह प्रमाणपत्र सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, लोगों ने इसे प्रशासनिक लापरवाही का प्रतीक बताते हुए तंज कसना शुरू कर दिया। कांग्रेस नेता और पूर्णिया के निर्दलीय सांसद पप्पू यादव ने इस पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए X पर लिखा, "कुत्ता दिखा रहा निवास प्रमाण पत्र, कोई प्रमाण पत्र न दे पाए इंसान…यह है मेरा भारत महान। क्या मुख्य चुनाव आयुक्त महोदय..कहां गांजा फूंक सोए हो जनाब?"

राजनीतिक विश्लेषक योगेंद्र यादव ने भी इस मामले पर चुटकी लेते हुए कहा, "बिहार में एक कुत्ते ने निवास प्रमाणपत्र बनवा लिया, जिसे SIR में मान्यता मिल रही है, जबकि आधार और राशन कार्ड को फर्जी करार दिया जा रहा है।"

प्रशासन का जवाब

मामले के तूल पकड़ने के बाद मसौढ़ी के अंचलाधिकारी प्रभात रंजन ने पुष्टि की कि प्रमाणपत्र को रद्द कर दिया गया है। पटना के जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन एसएम ने इसे गंभीर मामला बताते हुए कहा, "दोषी कर्मियों और पदाधिकारियों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जाएगी और उन्हें निलंबित किया जाएगा, ताकि भविष्य में ऐसी गलती न हो।"

गड़बड़ी के आरोप में मामला दर्ज

सूत्रों के अनुसार, इस फर्जीवाड़े में शामिल आवेदक, कंप्यूटर ऑपरेटर और प्रमाणपत्र जारी करने वाले पदाधिकारी के खिलाफ साइबर फ्रॉड और दस्तावेजों के साथ छेड़छाड़ का मामला दर्ज किया जा रहा है।

पहले भी हो चुके हैं ऐसे मामले

यह कोई पहला मामला नहीं है। इससे पहले बिहार के बाढ़ अंचल कार्यालय से "ब्लूटूथ नॉइस" के नाम पर और मुंगेर जिले में "सोनालिका ट्रैक्टर" के नाम पर आवासीय प्रमाणपत्र जारी होने की खबरें सुर्खियां बटोर चुकी हैं। इन मामलों ने भी प्रशासनिक व्यवस्था की खामियों को उजागर किया था।

Updated on:
28 Jul 2025 11:43 am
Published on:
28 Jul 2025 10:28 am
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