पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात के बाद कहा कि भारत अमेरिका से और अधिक तेल और गैस खरीदेगा।
US- India: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और अमेरिका के नए राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप के बीच शुक्रवार की तड़के की करीब चार घंटे की मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच गजब की पर्सनल कैमिस्ट्री दिखी। पीएम मोदी के अमेरिका दौरे में दोनों देशों के बीच एक अहम समझौता हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने पीएम मोदी से द्विपक्षीय मुलाकात के बाद कहा कि भारत अमेरिका से और अधिक तेल और गैस खरीदेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति ने कहा कि यह समझौता अमेरिका को भारत का शीर्ष तेल और गैस आपूर्तिकर्ता बना देगा। हालांकि ट्रंप से किया वादा निभाने में पीएम मोदी को दो बड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।
आपूर्ति मात्रा (मिलियन टन)*
कतर 9.82 (38.8%)
अमेरिका 5.12 (20.2%)
यूएई 2.84 (11.2%)
अंगोला 1.97 (7.8%)
नाइजीरिया 1.36 (5.4%)
आपूर्ति मात्रा (मिलियन टन)*
रूस 82.03 (37%)
इराक 45.77 (20.6%)
सऊद अरब 28.79 (13%)
यूएई 18.63 (8.4%)
अमेरिका 7.17 (3.2%)
सूत्रों का कहना है कि भारतीय रिफाइनर अधिक अमेरिकी कच्चा तेल खरीदने के लिए तैयार होंगे, बशर्ते इसकी कीमत प्रतिस्पर्धी हो, क्योंकि अमेरिका से भारत तक तेल भेजने की लागत वर्तमान में पश्चिम एशिया से तेल लाने की लागत से दोगुनी से भी अधिक है। एक अनुमान के अनुसार भारत में अमेरिकी कच्चे तेल की शिपमेंट की परिवहन लागत लगभग 4 डॉलर प्रति बैरल है, जबकि पश्चिम एशियाई तेल के लिए यह लगभग 1.5 डॉलर प्रति बैरल है। इसका अर्थ यह होगा कि भारत के बंदरगाहों पर अमेरिकी तेल की कीमत भारत के निकट स्थित आपूर्तिकर्ताओं से कच्चे तेल के तुलनीय ग्रेड की तुलना में अधिक होगी।
दूसरा मुख्य विचार यह होगा कि अमेरिकी कच्चे तेल के ग्रेड की पेशकश की जाएगी और भारतीय रिफाइनरियों के साथ उनकी अनुकूलता होगी। ऐसा इसलिए है क्योंकि परिचालन और दक्षता के दृष्टिकोण से विभिन्न कच्चे तेल के ग्रेड विभिन्न पेट्रोलियम उत्पादों के लिए उपयुक्त हैं। भारतीय रिफाइनरियां वर्तमान में पारंपरिक पश्चिम एशियाई आपूर्तिकर्ताओं से कच्चे तेल का उपयोग करने की अधिक आदी हैं, तथा अब तो रूसी कच्चे तेल का भी उपयोग करने लगी हैं, हालांकि उनके पास लगभग सभी प्रकार के कच्चे तेल को संसाधित करने की क्षमता है।
1- राष्ट्रपति ट्रंप ने घोषणा की कि 2008 के मुंबई आतंकी हमले के आरोपी तहव्वुर राणा को भारत प्रत्यर्पित किया जाएगा। अमरीकी सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में इस फैसले को मंजूरी दी थी। भारत लंबे समय से राणा को सौंपने की मांग कर रहा था, जिससे अब न्याय की प्रक्रिया आगे बढ़ेगी।
2- अमरीका और भारत ने इस्लामिक आतंकवाद के खिलाफ मिलकर काम करने का फैसला किया। दोनों देशों ने आतंकवादी संगठनों के वित्तपोषण को रोकने, खुफिया जानकारी साझा करने और आतंकवाद के खिलाफ सहयोग बढ़ाने की बात कही।
3- ट्रंप ने कहा कि भारत एशिया-प्रशांत क्षेत्र (इंडो-पैसिफिक) में एक प्रमुख रणनीतिक सहयोगी है। उन्होंने क्वाड (भारत, अमरीका, जापान, ऑस्ट्रेलिया) साझेदारी को मजबूत करने की प्रतिबद्धता जताई। इस पहल से भारत की सुरक्षा भूमिका और मजबूत होगी और क्षेत्रीय शांति आएगी।
4- अमरीका ने भारत को और अधिक रक्षा तकनीक और सैन्य उपकरण देने पर सहमति जताई। ट्रंप ने कहा कि भारत को अत्याधुनिक हथियार, लड़ाकू विमान और सैन्य प्रणालियां मुहैया कराई जाएंगी। दोनों देशों ने रक्षा क्षेत्र में संयुक्त उत्पादन और तकनीकी साझेदारी को भी बढ़ाने का फैसला किया।
5- भारत की ऊर्जा जरूरतों को देखते हुए अमरीका ने भारत को कच्चे तेल और प्राकृतिक गैस की आपूर्ति बढ़ाने का फैसला किया। दोनों देशों ने अक्षय ऊर्जा और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं पर भी मिलकर काम करने की योजना बनाई है। इससे भारत को अपने ऊर्जा संसाधनों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
6- भारत और अमरीका ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआइ) के क्षेत्र में सहयोग बढ़ाने का निर्णय लिया। दोनों देश मिलकर उन्नत एआइ सिस्टम विकसित करेंगे, जो स्वास्थ्य, शिक्षा, रक्षा और अन्य क्षेत्रों में क्रांतिकारी बदलाव ला सकता है। इस साझेदारी से भारतीय स्टार्टअप और टेक कंपनियों को भी फायदा होगा।
7- अमरीका और भारत ने अपने व्यापारिक असंतुलन को कम करने पर सहमति जताई। ट्रंप ने कहा कि अमरीका भारत के साथ व्यापार घाटे को कम करने के लिए नए समझौते करेगा। इससे दोनों देशों के व्यापार को और बढ़ावा मिलेगा और निवेश के नए अवसर खुलेंगे।
8- दोनों देशों ने सेमीकंडक्टर निर्माण और क्वांटम कंप्यूटिंग के क्षेत्र में संयुक्त अनुसंधान और विकास पर सहमति जताई। भारत में सेमीकंडक्टर उद्योग को बढ़ावा देने के लिए अमरीका तकनीकी सहायता प्रदान करेगा। इससे भारत में तकनीकी उत्पादन क्षमता में वृद्धि होगी।
9- भारत और अमरीका ने छोटे न्यूक्लियर मॉड्यूलर रिएक्टर विकसित करने के लिए सहयोग करने का फैसला किया। इससे स्वच्छ और टिकाऊ ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों की ऊर्जा सुरक्षा मजबूत होगी।
10- प्रधानमंत्री मोदी ने घोषणा की कि अमरीका में लॉस एंजिलिस और बॉस्टन में नए भारतीय वाणिज्य दूतावास (कॉन्सुलेट) खोले जाएंगे। इससे भारतीय प्रवासियों को लाभ मिलेगा और दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक और व्यावसायिक संबंध और मजबूत होंगे।