अपने नागरिकों को वापस लेने के लिए तैयार
पीएम मोदी ने अपनी द्विपक्षीय वार्ता के बाद राष्ट्रपति ट्रंप के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक सवाल का जवाब देते हुए कहा, जो लोग अवैध रूप से दूसरे देशों में रहते हैं, उन्हें वहां रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है। जहां तक भारत और अमेरिका का सवाल है, हमने हमेशा कहा है कि जो लोग सत्यापित हैं और वास्तव में भारत के नागरिक हैं- अगर वे अवैध रूप से अमेरिका में रहते हैं, तो भारत उन्हें वापस लेने के लिए तैयार है।
मानव तस्करी के पारिस्थितिकी तंत्र को समाप्त करने की जरूरत
प्रधानमंत्री ने कहा है कि उन्होंने कहा कि अवैध रूप से रहने वाले ज्यादातर लोग साधारण परिवारों से हैं और मानव तस्करों द्वारा गुमराह किए जाते हैं। उन्होंने कहा, लेकिन यह हमारे लिए यहीं तक सीमित नहीं है। ये साधारण परिवारों के लोग हैं। उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाए जाते हैं और उनमें से ज्यादातर ऐसे होते हैं जिन्हें गुमराह करके यहां लाया जाता है। इसलिए, हमें मानव तस्करी की इस पूरी व्यवस्था पर हमला करना चाहिए। मिलकर करें इस पारिस्थितिक तंत्र को खत्म
उन्होंने कहा कि साथ मिलकर अमेरिका और भारत को इस तरह के पारिस्थितिकी तंत्र को जड़ से नष्ट करने का प्रयास करना चाहिए ताकि मानव तस्करी समाप्त हो। हमारी बड़ी लड़ाई उस पूरी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ़ है और हमें विश्वास है कि राष्ट्रपति ट्रंप इस पारिस्थितिकी तंत्र को खत्म करने में भारत का पूरा सहयोग करेंगे।
सैन्य विमान से भेजे गए थे अवैध अप्रवासी
अमेरिका ने हाल ही में 104 भारतीयों को जिनके बारे में उसने कहा कि वे अवैध अप्रवासी हैं, प्रतिबंधों के साथ एक सैन्य विमान में देश भेजा था, जिससे देश में राजनीतिक हंगामा हुआ था। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भारतीय नागरिकों के निर्वासन पर संसद में एक बयान दिया था। अधिकारियों ने कहा है कि भारत उन स्थितियों के बारे में चिंताओं को लेकर अमेरिकी अधिकारियों के संपर्क में है, जिनके तहत लोगों को वापस लाया जाता है।