PM मोदी आज कोलकाता में मेट्रो से जुड़ी परियोजनाओं का उद्घाटन के बाद रैली को संबोधित करेंगे। प्रदेश बीजेपी के नेताओं को उम्मीद है कि पीएम मोदी इस रैली में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी को दिशा देने का काम करेंगे।
PM मोदी बिहार (Bihar) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) के दौरे पर हैं। बिहार में परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास करने के बाद वह कोलकाता पहुंचेंगे। यहां पीएम मोदी मेट्रो से जुड़ी तीन परियोजनाओं का उद्घाटन करेंगे। साथ ही, जनसभा को संबोधित करेंगे। पीएम मोदी का इस साल में यह तीसरा बंगाल दौरा है। माना जा रहा है कि पीएम मोदी के इस सभा से अगले साल होने वाली बंगाल विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी का रुख तय हो जाएगा।
पीएम मोदी ने गुरुवार को ट्वीट करते हुए कहा था कि बंगाल के लोग तृणमूल कांग्रेस के प्रति गुस्से से भरे हुए हैं। बंगाल की जनता भाजपा को विकल्प के तौर पर देख रही है। उन्होंने कहा कि मैं शुक्रवार को पार्टी कार्यकर्ताओं से मिलने के लिए इच्छुक हूं। बंगाल बीजेपी का कहना है कि पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव भ्रष्टाचार और विकास का अभाव मुद्दे पर लड़ेगी। पार्टी की प्रदेश इकाई को उम्मीद है कि प्रधानमंत्री मोदी आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर रुपरेखा तय करेंगे। पार्टी की प्रदेश इकाई ने कहा कि हम तृणमूल का वहां चोट पहुंचाएंगे, जहां उन्हें चोट पहुंचती है।
पिछले विधानसभा चुनाव 2021 में उत्तर 24 परगना तृणमूल कांग्रेस का किला बनकर उभरा। दमदम लोकसभा की सभी सातों सीटों खड़दह, दम दम, पनिहाटी, कमरहाटी, बारानगर और राजारहाट गोपालपुर पर टीएमसी ने जीत हासिल की थी। अब भाजपा इस इलाके में सेंधमारी की कोशिश में जुटी हुई है।
दरअसल, प्रदेश में वाम मोर्चा के काल में दमदम लोकसभा सीट पर भाजपा का कब्जा था। 1998-99 और 1999-04 तक भाजपा के सांसद तपन सिकदर निर्वाचित हुए थे। वह अटल सरकार में राज्यमंत्री थे। लिहाजा, एकबार फिर भाजपा इस इलाके पर भगवा पताका लहराना चाहती है। साथ ही, बांग्लादेश से सटे होने के कारण भी यहां भारी संख्या में शरणार्थी रहते हैं। साथ ही, बांग्लादेशी घुसपैठिए भी इलाके में मौजूद है। भाजपा लगातार बांग्लादेशी घुसपैठियों का सीधा संबंध तृणमूल से जोड़ती है।
चुनाव आयोग वोटर लिस्ट को लेकर देशभर में विशेष गहन पुनरीक्षण करने की मंशा जता चुका है। बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर अभी इस पर सियासत अपने उफान पर है। पश्चिम बंगाल में सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस भी SIR के विरोध में खुलकर आ गई है। इसके साथ ही, ममता बनर्जी ने संविधान के 130वें संशोधन पर आपत्ति जताई है।