PM Vikas Bharat Rozgar Yojana: ईपीएफओ के साथ पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को सरकार एक अगस्त से 15,000 रुपए की राशि पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) के तहत दी जाएगी।
PM Viksit Bharat Rozgar Yojana: देश में युवाओं को रोजगार से जोड़ने और बचत की आदत विकसित करने के उद्देश्य से श्रम और रोजगार मंत्रालय ने पीएम विकसित भारत रोजगार योजना (पीएम-वीबीआरवाई) लागू करने की घोषणा की है। यह योजना आगामी 1 अगस्त से लागू होगी, जिसके तहत ईपीएफओ (EPFO) के साथ पहली बार पंजीकृत होने वाले कर्मचारियों को 15,000 रुपये तक की सहायता दी जाएगी।
मंत्रालय ने बताया कि इस योजना का लाभ उन कर्मचारियों को मिलेगा जो पहली बार ईपीएफओ के साथ पंजीकृत होंगे। इसके तहत एक महीने के ईपीएफ वेतन के बराबर राशि, अधिकतम 15,000 रुपये तक, दो किस्तों में दी जाएगी। पहली किस्त नौकरी ज्वाइन करने के छह महीने बाद और दूसरी किस्त 12 महीने की सेवा और वित्तीय साक्षरता कार्यक्रम पूरा करने पर दी जाएगी।
योजना के तहत एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों को टारगेट किया जाएगा, जिससे उन्हें भविष्य के लिए बचत की आदत डालने में मदद मिलेगी। मंत्रालय ने कहा कि प्रोत्साहन राशि का एक हिस्सा सेविंग इंस्ट्रूमेंट या जमा खाते में रखा जाएगा, जिसे कर्मचारी एक निश्चित अवधि के बाद निकाल सकेंगे।
यह योजना नियोक्ताओं को नए रोजगार सृजन के लिए भी प्रेरित करेगी। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर पर विशेष ध्यान देते हुए सभी क्षेत्रों में नए रोजगार सृजन को कवर किया जाएगा। एक लाख रुपये तक के वेतन वाले कर्मचारियों के लिए नियोक्ताओं को 3,000 रुपये प्रति माह तक का प्रोत्साहन दो वर्षों तक दिया जाएगा। मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर के लिए यह प्रोत्साहन तीसरे और चौथे वर्ष तक भी बढ़ाया जाएगा।
ईपीएफओ-पंजीकृत प्रतिष्ठानों को इस योजना का लाभ उठाने के लिए कम से कम छह महीने तक निरंतर आधार पर अतिरिक्त कर्मचारियों की भर्ती करनी होगी। जिन प्रतिष्ठानों में 50 से कम कर्मचारी हैं, उन्हें कम से कम दो अतिरिक्त कर्मचारी और 50 से अधिक कर्मचारी वाले प्रतिष्ठानों को पांच अतिरिक्त कर्मचारी रखने होंगे।
योजना के तहत पहली बार नौकरी करने वाले कर्मचारियों को भुगतान आधार ब्रिज पेमेंट सिस्टम (ABPS) के माध्यम से डीबीटी (Direct Benefit Transfer) मोड में किया जाएगा। वहीं, नियोक्ताओं को भुगतान सीधे उनके पैन-लिंक्ड खातों में किया जाएगा।
सरकार ने इस योजना के तहत दो वर्षों में 3.5 करोड़ से अधिक नौकरियों के सृजन का लक्ष्य रखा है। यह योजना पहले एम्प्लॉयमेंट-लिंक्ड इंसेंटिव (ईएलआई) स्कीम के नाम से जानी जाती थी, जिसे केंद्रीय कैबिनेट ने 99,446 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ मंजूरी दी थी।