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Bihar Chunav: चुनाव नहीं लड़ेंगे प्रशांत किशोर, आखिरी वक्त में क्यों बदला मन? सामने आई बड़ी वजह

प्रशांत किशोर ने बिहार विधानसभा चुनाव नहीं लड़ने का ऐलान किया है। वह संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे। उनकी पार्टी जन सुराज ने राघोपुर सीट से चंचल सिंह को उम्मीदवार बनाया है। किशोर ने NDA की हार की भविष्यवाणी की और कहा कि नीतीश कुमार की वापसी नहीं होगी

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Oct 15, 2025
प्रशांत किशोर। (Photo-IANS)

बिहार चुनाव से ठीक पहले जनसुराज पार्टी के संस्थापक प्रशांत किशोर ने बड़ी घोषणा कर दी है। उन्होंने स्पष्ट कर दिया है कि वह इस बार बिहार में किसी भी सीट से चुनाव नहीं लड़ेंगे।

सभी अटकलों पर विराम लगाते हुए प्रशांत किशोर ने कहा कि वह चुनाव नहीं लड़ेंगे। फिलहाल वह संगठनात्मक कार्यों पर ध्यान केंद्रित करेंगे।

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पीके का चुनाव नहीं लड़ने का संकेत मंगलवार देर रात मिला। जब जन सुराज ने राघोपुर सीट से चंचल सिंह को उम्मीदवार बना दिया।

कई बार पीके खुले मंच से कर चुके हैं चुनाव लड़ने की घोषणा

बता दें कि प्रशांत किशोर पहले अपनी कई सभाओं में बार-बार यह कह चुके हैं कि अगर वह चुनाव लड़ेंगे तो अपने गृह क्षेत्र करगहर या राजद के गढ़ राघोपुर से, मगर चुनाव से ठीक पहले पीके ने यूटर्न मार दिया। प्रशांत किशोर के इस फैसले से उनके समर्थकों में निराशा हो सकती है।

पहली सूची में, जन सुराज ने करगहर सीट से रितेश पांडेय को अपना उम्मीदवार घोषित किया था। इसके बाद, अब राघोपुर से चंचल सिंह को मैदान में उतारा गया है।

अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि घोषणा के बावजूद प्रशांत किशोर किसी भी सीट से मैदान में क्यों नहीं उतरे? तो इसका जवाब भी मिल गया है।

चैलेंज के बावजूद क्यों मैदान में नहीं उतरे पीके?

राघोपुर सीट से प्रशांत किशोर ने चुनाव लड़ने की बात कही थी, जो राजद का गढ़ माना जाता है। जिसका प्रतिनिधित्व लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव करते हैं। अगर किशोर यहां से चुनाव लड़ते, तो उन्हें कड़ी टक्कर का सामना करना पड़ता।

यहां से उम्मीदवार बनने के बाद किशोर को इस क्षेत्र में पूरा फोकस करना पड़ता। एक तरह से वह एक ही सीट तक सीमित रह जाते, जिससे बिहार भर में पार्टी के प्रचार अभियान पर भी असर पड़ता क्योंकि वे इसका सबसे प्रमुख चेहरा हैं। उनके चुनाव में नहीं उतरने का मुख्य कारण अब तक यही माना जा रहा है।

क्या बोले प्रशांत किशोर?

प्रशांत किशोर ने बुधवार सुबह मीडिया से बात करते हुए कहा कि जनसुराज में यह फैसला किया है कि उन्हें चुनाव नहीं लड़कर पार्टी के कार्यों पर फोकस करना चाहिए। अगर हमारी 150 से कम सीटें भी आती हैं तो उसे हार माना जायेगा।

वहीं, किशोर ने खुलकर यह भी कहा कि बिहार में सत्तारूढ़ एनडीए को इस बार बुरी हार का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू को 25 सीटें जीतने में भी मुश्किल होगी।

एनडीए और महागठबंधन को पीके ने घेरा

उन्होंने कहा कि एनडीए निश्चित रूप से खत्म होने वाला है और नीतीश कुमार मुख्यमंत्री के रूप में वापसी नहीं करेंगे। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में भी स्थिति बेहतर नहीं है।

इसके अलावा, महागठबंधन को घेरते हुए पीके ने कहा कि राजद और कांग्रेस के बीच कभी न खत्म होने वाला झगड़ा है। और कोई नहीं जानता कि मुकेश सहनी की विकासशील इंसान पार्टी अब भी उनके साथ है या नहीं।

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